मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। अफ्रीका के 13 देश इस समय इस खतरनाक वायरस के प्रकोप से जूझ रहे हैं, जिसमें 96 प्रतिशत से अधिक मामले केवल कांगो में पाए गए हैं। कांगो में एमपॉक्स का एक नया वेरिएंट भी फैलना शुरू हो गया है, जिसमें मृत्यु दर लगभग 3-4% है।
इस बीमारी से अब तक 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और यह तेजी से फैल रही है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बुधवार को विशेषज्ञों के साथ एक बैठक के बाद इस प्रकोप को वैश्विक आपातकाल घोषित किया है।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो मंकीपॉक्स वायरस से होता है। यह वायरस मुख्यतः अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाया जाता है और यह बंदरों और गिलहरियों से मनुष्यों में फैलता है। मंकीपॉक्स का संक्रमण बहुत गंभीर हो सकता है, खासकर जब इसका प्रकोप बड़े पैमाने पर हो।
यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब कांगो और अन्य अफ्रीकी देशों में इस बीमारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, और इसके कारण पूरे विश्व में चिंता बढ़ गई है। डब्ल्यूएचओ और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने इससे निपटने के लिए व्यापक प्रयास शुरू किए हैं।