कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (MSDE) के स्किल इंडिया मिशन (Skill India) के अंतर्गत, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) और विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी की है. इसके जरिए भारत सरकार, देश लौटने वाले लोगों को नौकरी देने की तैयारी में है. आपको बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से देश में वापस लौटने वाले कुशल कार्यबल को सर्वश्रेष्ठ बनाने के उद्देश्य से नागरिकों की स्किल मैपिंग एक्सरसाइज़ का संचालन करने के लिए एक नई पहल SWADES (स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डेटाबेस फॉर एम्प्लॉयमेंट सपोर्ट) शुरू की गई है.
अब क्या होगा-इस एक्सरसाइज़ के माध्यम से, स्किल इंडिया और अन्य मंत्रालयों का लक्ष्य कौशल और अनुभव के आधार पर योग्य नागरिकों का एक डेटाबेस तैयार करना है, जिसे भारतीय और विदेशी कंपनियों की मांग को पूरा करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
भरना होगा फॉर्म-स्किल इंडिया, एकत्रित जानकारी को देश में उपयुक्त प्लेसमेंट अवसरों के लिए कंपनियों के साथ साझा करेगा. लौटने वाले नागरिकों को एक SWADES स्किल फॉर्म भरने की आवश्यकता है और इसके बाद SWADES स्किल कार्ड जारी किए जाएंगे.
राज्य सरकारों, उद्योग संघों और नियोक्ताओं सहित प्रमुख हितधारकों के साथ चर्चा के माध्यम से उपयुक्त रोजगार के अवसर प्रदान किए जाने वाले नागरिकों के लिए ये कार्ड एक स्ट्रेटीजिक फ्रेमवर्क की सुविधा प्रदान करेगा.
MSDE का कार्यान्वयन संगठन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) परियोजना के कार्यान्वयन में सहयोग कर रहा है.
www.nsdcindia.org/swades पर उपलब्ध ऑनलाइन फॉर्म, वापस लौटने वाले नागरिकों के आवश्यक विवरण को एकत्र करने के लिए बनाया गया है.
इस फॉर्म के अंतर्गत व्यक्ति के कार्य क्षेत्र, नौकरी का शीर्षक, रोजगार, अनुभव के वर्षों से संबंधित विवरण एकत्र किए जा रहे हैं.
फॉर्म भरने से संबंधित किसी भी प्रश्न के जवाब एवं नागरिकों की हरसंभव सहायता के लिए एक टोल फ्री कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है.
SWADES स्किल फॉर्म (ऑनलाइन) को कल लाइव किया गया था और अभी तक लगभग 4500 पंजीकरण प्राप्त किए जा चुके हैं. अबतक जितने आंकड़े एकत्र किये गए हैं, उसके आधार पर संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, कुवैत, कतर और सऊदी अरब ऐसे शीर्ष देश हैं जहाँ से सबसे ज्यादा भारतीय नागरिक वापस आये हैं.
स्किल मैपिंग के अनुसार, यह नागरिक वहां मुख्य रूप से तेल और गैस, विमानन, निर्माण, पर्यटन और आतिथ्य, आईटी और आईटीईएस जैसे क्षेत्रों में कार्यरत थे. इन आंकड़ो से पता चला है कि केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा श्रमिक विदेशों से वापस लौटे हैं.
क्यों देश लौट रहे है भारतीय-दुनिया भर में कोविड-19 के प्रसार के कारण एक महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पड़ा है जिससे हजारों श्रमिक अपनी नौकरी गंवा रहे हैं और वैश्विक स्तर पर सैकड़ों कंपनियां बंद हो रही हैं.
आगे के रोजगार की संभावनाओं के छोटे विकल्प के साथ, कई नागरिक भारत सरकार के वंदे भारत मिशन के माध्यम से देश में वापस लौट रहे हैं.
लाखों नागरिकों ने देश में वापस आने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मिशनों में पंजीकरण कराया है और अब तक 35,000 से अधिक लोग वापस देश लौट आए हैं. वंदे भारत का एक फोकस क्षेत्र खाड़ी क्षेत्र है, जहाँ वर्तमान में 80 लाख से अधिक नागरिक रहते हैंGulfHindi.com