इस बार रंगों के त्योहार होली के मौके पर मेहमानों को जमकर पकवान खाएं और खिलाएं। खाद्य तेलों के भाव जेब पर भारी नहीं पड़ने वाले हैं क्योंकि फिलहाल इनके महंगा होने के चांस न के बराबर हैं। देश में सरसों की पैदावार अच्छी हुई है। मंडियों में नई फसल पहुंचने लगी है। सरसों के तेल का रेट उतरने लगा है।
दि सेंट्रल ऑर्गनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड के चेयरमैन सुरेश नागपाल ने बताया कि अभी इंटरनैशनल मार्केट में भी खाद्य तेल का रेट मंदा है। इंदौर में सोया का बाजार टूटा है। मंडी में सरसों की आवक शुरू हो गई है। इसका प्रेशर बनने लगा है। होली पर रेट और गिरेंगे।
होली के आसपास सरसों के अलावा सोयाबीन और पामोलीन तेल काफी प्रयोग किया जाता है। इन तीनों का रेट किफायती दौर में हैं। 2-3 महीने तक मंडी में सरसों की आवक लगातार जारी रहेगी। गुरुवार को राजस्थान की मंडियों में 3.15 लाख टन कट्टे, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.25 लाख टन कट्टे, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.5 लाख टन कट्टे, गुजरात में 1.15 लाख टन कट्टे और अन्य राज्यों में 1.25 लाख टन कट्टे उतरे हैं। पीक सीजन में एक दिन में 15 लाख टन कट्टे आते हैं। 10-12 दिनों में रोजाना 15 लाख टन कट्टे आने लगेंगे। एक कट्टे में 50 किलो सरसों होती है।
सुरेश नागपाल ने केंद्र से आग्रह किया है कि 15 मार्च से सरकारी एजेंसियों के जरिए सरसों की खरीदारी शुरू करवा दें। पिछली बार 2019-20 में सरकार ने 28 लाख टन सरसों खरीदी थी, जबकि उस साल 85 लाख टन की पैदावार हुई थी । इस साल 115 लाख टन सरसों पैदा होने की उम्मीद है। अभी सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5450 रुपये प्रति क्विंटल है।
110 रुपये आएगा सरसों तेल
मंडियों में फिलहाल सरसों 5 हजार से 5200 रुपये में बिक रही है, क्योंकि सरसों में नमी है। हफ्तेभर में सरसों सूख जाएगी, तो इसका वजन बढ़ेगा। इस बार कंज्यूमर पर कोई भार नहीं पड़ने वाला है। सरसों की आवक बढ़ने पर तेल सस्ता होगा। पिछले एक हफ्ते में 5 से 7 रुपये प्रति किलो दाम घटे हैं। अभी 5 रुपये प्रति किलो रेट और गिरने की उम्मीद है। आशा है कि 110 रुपये किलो सरसों का तेल हो जाए। रिटेल मार्केट के दुकानदार खरीद रहे तेल होली पर खाद्य तेलों का कारोबार सामान्य रहेगा। कोरोना से पहले काम बहुत शानदार होता था। उतना तो नहीं पहुंचा है, फिर भी बिजनेस में काफी सुधार हुआ है। रिटेल मार्केट के दुकानदारों ने आना शुरू कर दिया है। होली से पहले ही लोग घरों में गुझिया, मट्ठी, नमक पारे बनाना शुरू कर देते हैं ।
देश में सोयबीन, पामोलीन और क्रूड पाम ऑयल (सीपीओ) इंपोर्ट होता है। सबसे ज्यागा पामोलीन और सीपीओ आता है। आम तौर पर ये तेल 90 लाख टन आयात होता है, जो कि इंडोनेशिया और मलेशिया से आता है। इसी तरह सोयाबीन का तेल 45 लाख टन आयात होता है, जो कि सितंबर और अक्टूबर में आता है। सन फ्लावर का तेल 25 से 30 लाख टन इंपोर्ट होता है।
अभी मंडी में तेल का थोक भाव कुछ इस प्रकार हैं.
- सरसों तेल – 125 – 130 प्रति लीटर
- सोयाबीन तेल – 120 – 130 प्रति लीटर
- पाम आयल – 95 से 105 प्रति लीटर