यमुना के डूब क्षेत्र में कुछ लोग धड़ल्ले से अवैध फार्महाउस खड़े कर रहे थे, लेकिन गुरुवार को ज़िला प्रशासन ने सख़्त कार्रवाई करते हुए चार अवैध फार्महाउसों पर बुलडोज़र चला दिया। इसके साथ ही क़रीब 500 बीघा ग्राम समाज की ज़मीन को ख़ाली करवाया गया है। बताया जा रहा है कि इन फार्महाउसों पर 200 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा का निवेश हुआ था। हालाँकि, प्रशासन ने सबकुछ ज़मींदोज़ करके संदेश दे दिया है कि अब ऐसी हेरा-फेरी नहीं चलने वाली।
अवैध निर्माण पर छापेमारी कैसे हुई?
सदर तहसील प्रशासन को जानकारी मिली थी कि यमुना के डूब क्षेत्र में तेजी से फार्महाउस बन रहे हैं। इन्हें बेचने के लिए ज़मीन की प्लॉटिंग भी की जा रही थी। गुरुवार सुबह क़रीब 11 बजे प्रशासन की टीम मौके पर पहुँची और देखते ही देखते जेसीबी व बुलडोज़रों ने काम शुरू कर दिया। क़रीब छह घंटे तक चली इस कार्रवाई में फार्महाउस की इमारतें पूरी तरह ढहा दी गईं। कुछ जगहों पर पक्की सड़क और दीवारें भी बनाई गई थीं, जिन्हें भी तोड़ दिया गया।
करोड़ों का निवेश, सब बरबाद
ज़िला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि इनमें से एक निर्माण 72 बीघा ज़मीन पर चल रहा था, जहाँ आलीशान घर और बाउंड्री वॉल तैयार हो गई थी। एक दूसरी लोकेशन पर क़रीब 100 बीघा में भी भव्य फार्महाउस का काम चल रहा था। ये लोग फर्जी दस्तावेज़ों या किसी तरह के दबाव से अवैध निर्माण कर रहे थे। अनुमान है कि मिलाकर 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम इस अवैध काम में लगाई गई थी, जो अब बुलडोज़र के आगे टिक नहीं पाई।
भोले-भाले खरीदार हो सकते थे फँस
प्रशासन को शक है कि इन फार्महाउसों को आकर्षक ऑफ़र के नाम पर बेचा जा रहा था, जिससे आम लोग ग़लती से इसमें निवेश कर बैठते। यमुना के डूब क्षेत्र में बनने वाले ऐसे निर्माण बाढ़ और जलभराव के लिहाज़ से भी काफ़ी ख़तरनाक माने जाते हैं। अगर किसी ने यहाँ प्रॉपर्टी ख़रीद ली होती, तो उसे भविष्य में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता था।
प्रशासन ने दी कड़ी चेतावनी
अधिकारियों ने साफ़ कह दिया है कि यमुना के डूब क्षेत्र में आगे भी अगर कोई अवैध निर्माण होता मिला, तो बिना देर किए उसे ढहा दिया जाएगा। साथ ही ज़रूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी प्रॉपर्टी या फार्महाउस में निवेश करने से पहले उसके दस्तावेज़ों की अच्छी तरह जाँच-पड़ताल कर लें। अगर कहीं भी कोई गड़बड़ी नज़र आए, तो तुरंत प्रशासन या पुलिस को सूचना दें।