दिल्ली-एनसीआर को मार्च 2024 तक जाम के जंजाल से काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है। क्योंकि, केंद्र सरकार चाहती है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पांच अहम प्रोजेक्ट राष्ट्र को समर्पित कर दिए जाएं। इनके तैयार होने पर दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों से प्रतिदिन करीब 12 लाख वाहनों का दबाव कम हो जाएगा।
सरकार की कोशिश है कि चुनाव से पहले इन प्रोजेक्ट पर काम तेजी से पूरा किया जाए। इसलिए हर प्रोजेक्ट की निगरानी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और गति शक्ति के तहत पीएमओ की टीम कर रही है।
काम में देरी पर संबंधित अधिकारियों का ब्योरा मांगा :
बताया जा रहा है कि बीते दिनों उन प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी मांगी गई, जिनका काम निर्धारित समय से पिछड़ रहा है। साथ में प्रोजेक्ट के पिछड़ने और उन संबंधित अधिकारियों का भी ब्योरा मांगा गया, जिनकी जिम्मेदारी थी कि प्रोजेक्ट को गति दिलाई जाए।
इस स्तर पर समीक्षा होने के बाद NHAI ने भी अपने अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि निर्माण एजेंसियों के साथ नियमित समीक्षा करें। अगर प्रोजेक्ट देरी से चल रहा है तो उस पर अतिरिक्त श्रम शक्ति लगातार तेजी दिलाई जाए।
किसी प्रोजेक्ट में कागजी कार्रवाई के चलते रुकावट आ रही है तो उन्हें तत्काल मंजूरी प्रदान की जाए या शीर्ष अधिकारियों को अवगत कराया जाए।
अर्बन एक्सटेंशन रोड – 2
फरीदाबाद से द्वारका के नजदीक होते हुए सिंधु बॉर्डर तक जाने वाले 74 किलोमीटर लंबी अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर – 2 ) का काम कई हिस्सों में पिछड़ रहा है। इसको दिसंबर 2023 तक खोलने का लक्ष्य है, लेकिन अब इसके फरवरी 2024 तक जाने की उम्मीद है। छह लेन की इस रोड के खुलने से प्रतिदिन करीब ढाई लाख पीसीयू वाहनों का दबाव कम होगा।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे
अक्षरधाम से शुरू होकर गांधी नगर, गीता कॉलोनी, सिग्नेचर ब्रिज के रास्ते यूपी बॉर्डर और बागपत के रास्ते देहरादून तक जाने वाले एक्सप्रेसवे का काम निर्धारित समय सीमा से पीछे चल रहा है, लेकिन बीते छह महीने के अंदर प्रोजेक्ट निर्माण के काम में गति आई है। पहले दो चरण में करीब 32 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे तैयार होना है। इसके खुलने से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस पर वाहनों का दबाव कम होगा।
द्वारका एक्सप्रेसवे
दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर जाम से बचने के लिए दिल्ली और हरियाणा के बीच 29 किलोमीटर लंबा आठ लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसका 10 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली की सीमा में है, जिसका काम पिछड़ रहा है। अब इसे फरवरी 2024 तक खोलने का लक्ष्य है।
इसके खुलने से दिल्ली – जयपुर नेशनल हाईवे पर स्थित शिव मूर्ति के पास से सीधे वाहन एक्सप्रेसवे पर चढ़कर दिल्ली से बाहर निकल सकेंगे। इससे दिल्ली के कई इलाकों में करीब तीन लाख यात्री पर कार यूनिट (पीसीयू) वाहनों का दबाव कम होगा।