सारण जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट में नामांकन प्रक्रिया के दौरान अभूतपूर्व घटना सामने आई है। भाजपा-जदयू गठबंधन में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (एलजेपी-आरवी) की उम्मीदवार और भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह का नामांकन डॉक्युमेंट्स में पाई गई तकनीकी त्रुटियों के कारण रद्द कर दिया गया।
क्या हुआ?
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सीमा सिंह ने मढ़ौरा सीट से नामांकन दाखिल किया था लेकिन अधीक्षण अधिकारी द्वारा उनकी फाइल जांचने पर कई दस्तावेजों में खामी पाई गई।
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इस गिरफ्तारी के बाद बताया गया कि कुल चार नामांकन पत्रों को रद्द किया गया है, जिसमें अन्य दो निर्दलीय एवं एक बीएसपी उम्मीदवार भी शामिल थे।
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दस्तावेज़ों में त्रुटियों के कारण उन्हें चुनाव मैदान से बाहर होना पड़ा, जबकि उन्हें इस सीट पर गठबंधन की ओर से एक मजबूत दावेदार माना जा रहा था।

राजनीति में इसका क्या मतलब है?
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न केवल एलजेपी-आरवी बल्कि पूरे एनडीए गठबंधन को इस सीट पर एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उम्मीदवार को हटने से गठबंधन की शुरुआत से बनी रणनीति को बड़ा धक्का लगा है।
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मढ़ौरा में अब संभावित मुकाबला सीधे तौर पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक दल (राजद) और जन सुराज पार्टी के बीच देखने को मिल सकता है।
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ऐसे समय में जब चुनाव करीब हैं, इस घटना ने स्थानीय राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदलने का संकेत दिया है।
उम्मीदवार के बारे में थोड़ी पृष्ठभूमि
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सीमा सिंह भोजपुरी फिल्म जगत से ताल्लुक रखती हैं और राजनीति में उनका प्रवेश इस सीट से हुआ था।
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उनके शपथपत्र के अनुसार, उन्होंने नवाँ (9वीं) कक्षा उत्तीर्ण किया है।
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नामांकन के दौरान उनकी लोकप्रियता और फिल्मी पहचान को एक राजनीतिक फायदा माना जा रहा था।
आगे क्या हो सकता है?
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अब एनडीए के पास या तो नए उम्मीदवार का चयन करने का रास्ता खुलेगा या फिर गठबंधन में समायोजन करना होगा।
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विपक्ष को इस अवसर से फायदा उठाने का मौका मिला है क्योंकि गठबंधन की मूल चुनौतियों—जैसे उम्मीदवार का चयन, गठबंधन सामंजस्य और रणनीति—अब फिर से सामने आए हैं।
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