आमतौर पर हम सभी दवाइयों के लिए मेडिकल स्टोर की ओर रुख करते हैं, परंतु अब जल्द ही कुछ जरूरी काम की दवाइयां जैसे कि सर्दी-खांसी, जुकाम, बुखार, और एसिडिटी से संबंधित दवाएं भी किराना दुकानों पर उपलब्ध हो सकेंगी। यह संभव हो पाया है केंद्र सरकार की एक नई पहल के चलते, जिसमें दवा नीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए जा रहे हैं।
सरकार ने इस परिवर्तन को आकार देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिसने हाल ही में उन दवाओं की प्रारंभिक सूची प्रस्तुत की है जो किराना दुकानों पर बेची जा सकती हैं। इससे विशेषकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अधिक लाभ होगा क्योंकि अब वे डॉक्टर के पर्चे के बिना भी ये दवाइयां खरीद सकेंगे।
ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाओं की नीति भारत में इससे पहले नहीं थी, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में यह आम है। ओटीसी दवाएं ऐसी होती हैं जिन्हें डॉक्टर के पर्चे के बगैर भी खरीदा जा सकता है। यह नई नीति भारत में दवाइयों की सुलभता और प्रबंधन में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है।
यह परिवर्तन न केवल ग्रामीणों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि यह शहरी आबादी के लिए भी सुविधाजनक होगा, जहां किराना दुकानें आसानी से उपलब्ध हैं। अब लोगों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए मेडिकल स्टोर्स के चक्कर लगाने की जगह पास के किराना स्टोर से ही दवाई मिल जाएगी, जिससे उनका समय और ऊर्जा दोनों बचेगी।