अक्सर आम लोगों पर लागू यह क़ानून जिसमें 15 वर्ष से ज़्यादा के उमर गुज़ार चुके गाड़ियों पर जुर्माना लगाने या Scrap नीति के तहत उन्हें सड़कों से हटाने का प्रावधान है वैसा ही प्रावधान अब 1 अप्रैल से सारे सरकारी गाड़ियों परिवहन विभाग में लगे बस और सरकारी महकमें में चल रहे अन्य सारे गाड़ियों पर लागू किए जाने का मसौदा तैयार कर लिया गया है.
1 अप्रैल से लागू हो जाएगा नया नियम
सड़कों पर वाहनों का बोझ कम करने के उद्देश्य से केंद्र ने 15 वर्ष पुराने सरकारी वाहनों को कबाड़ बनाने का फैसला किया है. इसके तहत केंद्र ने ऐसे वाहनों का फिर से पंजीकरण नहीं करने को लेकर मसौदा प्रस्ताव जारी कर दिया है। यह नियम एक अप्रैल, 2023 से लागू होंगे।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि यह नियम विभिन्न निगमों की बसों व अन्य वाहनों पर भी लागू होंगे और परिवहन विभाग ऐसे वाहनों को कबाड़ में बदलेगा। प्रस्ताव पर 30 दिन के अंदर सभी हित धारकों से सुझाव मांगे हैं।
बीते सप्ताह केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि केंद्र सरकार के 15 साल से अधिक पुराने सभी वाहनों को कबाड़ में बदला जाएगा और इससे संबंधित नीति राज्यों को भेजी गई है। गडकरी ने कहा था कि राज्यों को भी अपने स्तर पर इस नीति को अपनाना चाहिए।
आम लोगों पर क्या पड़ेगा असर.
इस पूरे मामले को लेकर अगर आम लोगों पर पढ़ने वाले असर देखा जाए तो जगह जगह पर चेकिंग और समय पूरा कर चुके वाहनों का जप्त करना शुरू हो जाएगा.
सस्ता होगा 2nd Hand कार मार्केट
इसका एक अन्य समीकरण यह होगा कि सेकंड हैंड गाड़ियों का कार मार्केट और ज़्यादा गुलज़ार होगा और कम क़ीमत पर गाड़ियां मार्केट में उपलब्ध होंगे ताकि उन्हें जल्द से जल्द Scrap पीरियड से पहले बेचा जा सके. आप अगर दिल्ली नोएडा के सेकंड हैंड कार मार्केट पर नज़र उठाकर देखेंगे तो आप को प्रीमियम से प्रीमियम गाड़ियां डीज़ल होने और दस साल पूरा करने के वजह से महज़ तीन लाख की रेंज में उपलब्ध है जिसकी औसतन क़ीमतें 15 लाख से ऊपर रहती हैं.