जल्द ही बीएस6 से बीएस7 में बदलाव जरूरी होने वाला है क्योंकि यूरोपीय देशों में प्रदूषण को कम करने के लिए जुलाई 2025 तक यूरो 7 ईंधन नियम लागू हो जाएंगे। ऐसे में भारत के जितने भी वाहन निर्माता हैं उन्हें इन देशों में वाहन निर्यात करने के लिए नए ईंधन नियमों के हिसाब से अपग्रेड होना अनिवार्य होगा।

यूरोप में कारों और वैन्स के लिए जुलाई 2025 और नए ट्रक-बस के लिए जुलाई 2027 डेडलाइन रखी गई है। सूत्रों की मानें तो भारत में सड़क परिवहन एवं हाइवे मंत्रालय ने बीएस7 एमिशन स्टैंडर्ड के लिए काम की शुरुआत कर दी है।

आदेश का इंतजार ना करें – गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने देश के तमाम वाहन निर्माताओं से आग्रह किया है कि वो खुद ही बीएस6 से बीएस7 में बदलाव की तैयारी करना शुरू कर दें। इसके लिए उन्हें सरकार के आदेश तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। वाहन निर्माता कंपनियों के आला अधिकारियों के साथ की गई एक मीटिंग में नितिन गडकरी ने इस बात को स्पष्ट रूप से सामने रख दिया है।

और क्या बोले नितिन गडकरी

व्हीकल स्टैंडर्ड पर अपेक्स टेक्निकल कमेटी द्वारा आयोजित मीटिंग में बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा, “बीएस7 वाहनों के उत्पादन को लेकर आपको अपने स्तर पर खुद रिसर्च शुरू कर देनी चाहिए। हमारी इंडस्ट्री यूरोपीय निर्माताओं की बराबरी पर होनी चाहिए। पिछली बार सरकार को डेडलाइन सेट करके वाहन निर्माताओं के लिए बीएस6 अनिवार्य करना पड़ा था। इंडस्ट्री ने डेडलाइन तक काम भी पूरा किया था। लेकिन आप ऐसा आदेश आते तक इंतजार क्यों कर रहे हैं?”

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