8 नवंबर को रात 8:00 बजे नोटबंदी घोषित हुई थी एक झटके में पुराने नोट 500 और 1000 के चलन से बाहर हो गए थे. अगले दिन बैंकों में बड़ी भीड़ तो शादी विवाह के मौसम में लोगों के चेहरे पर शिकन साफ देखने को मिला था.
कुछ दिनों बाद लोगों के हाथ में नए गुलाबी रंग के 2000 के नोट दिखने लगे फिर 500 के भी नए नोट लोगों के हाथों में बैठने लगे पूरे व्यवस्था को सामान्य होने में कई महीने का समय लगा लेकिन नए रंग के नोटों ने लोगों में अपना पहचान बनाना शुरू कर दिया.
अभी से कुछ साल पहले तक ₹2000 के नोट दिखने और एटीएम से निकलने सामान्य थे लेकिन अब आपने गौर किया होगा कि मार्केट में ₹2000 के नोट अब कम दिख रहे हैं और एटीएम इत्यादि से भी ना निकल रहे हैं. सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 3 साल से ₹2000 के नोट की छपाई बंद है, जिसके वजह से आपको आपके हाथ में ₹2000 के नोट ना देख रहे हैं.
पिछले तीन वर्षों में 2000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत पूछे गए प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि वर्ष 2019 के बाद से 2000 के नोट की छपाई बंद है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2016 17 के बाद इन नोटों की छपाई कम कर दी थी और 2019 के बाद छपाई पूरी तरह से बंद कर दी ।
आठ नवंबर 2016 को सरकार द्वारा 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये का नोट पेश किया था। संसद में सरकार ने बताया था कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश में जब्त किए गए 2,000 रुपये के नकली नोटों की संख्या 2016 से 2020 के बीच 2, 272 से बढ़कर 2, 44,834 हो गई।
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