अक्सर अपने शहर में यात्रा करने के लिए किफायती और जल्दी यात्रा पूरा करने के लिए रैपीडो या अन्य बाइक वाले परिवहन सुविधाओं का लाभ जरूर उठाया होगा. लेकिन अब इनका उपयोग वर्जित हो गया है. मोटर अधिनियम एक्ट के तहत इन सबके ऊपर तेजी से कार्यवाही करनी शुरू कर दी गई है.

परिवहन विभाग ने बताया इसे गैरकानूनी.

परिवहन विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया है कि किसी भी प्रकार के वैसे वाहन जो प्राइवेट तौर पर रजिस्टर्ड है और वह अगर किसी भी प्रकार से व्यवसायिक सेवाएं दे रहे हैं जिसमें रेंट देना या फिर ride-sharing इत्यादि करना शामिल है तो वह गैरकानूनी है और इसके ऊपर जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है. इससे राजस्व की हानि होती है अतः यह एक संगीन अपराध में से एक माना जाता है.

तत्काल प्रभाव से लगाया गया रोक.

महाराष्ट्र में पहले ही आदेश पारित करते हुए ऐसे परिवहन सुविधाओं पर रोक लगाया गया है और साथ ही साथ एग्रीगेटर के तौर पर इस्तेमाल होने वाले ऐसे सारे ऐप के ऊपर कार्यवाही करने की बात की गई है जो बाइक राइड शेयरिंग और किराए पर उपलब्ध कराते हैं.

ऐसा ही कुछ आदेश दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में भी जारी कर दिया गया है और तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगाने के लिए कार्यवाही करने की बात आज से जारी कर दी गई है.

जुर्माना हुआ तय, आज से लगना होगा चालू.

जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि पहले बाहर अपराध करते हुए पकड़े जाने पर ₹5000 का दंड है वहीं दूसरी बार अपराध करने पर ₹10000 का जुर्माना और वाहन को जब किया जा सकता है फिर उसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति यह गलती करता है तो उसके लिए जेल का प्रावधान है और साथ ही साथ 3 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द कर दिया जाएगा.

ऑनलाइन एग्रीगेटर ऐसा काम करते हुए पाए जाते हैं तो उनके ऊपर सीधा 1 लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान रखे गए हैं.

दिल्ली एनसीआर के विशेष आयुक्त परिवहन विभाग ने सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए कुछ इस प्रकार का आर्डर पारित किया है.

यह संज्ञान में आया है कि गैर परिवहन ( व्यक्तिगत ) पंजीकरण मार्क / नम्बर धारक दो पहिया वाहन का उपयोग किराये पर या प्रतिफल पर यात्रियों को ले जाने के लिए किया जा रहा है जो पूर्णतयः व्यवसायिक संचालन है तथा मोटर वाहन अधिनियम 1988 तथा इसके तहत बनाये गये नियमों का उल्लंघन है। कथित उपयोग वाहनों की पंजीकरण शर्तों का एक उल्लंघन है जोकि मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुभाग 192 के तहत दंडनीय है जिसमें पहले अपराध हेतु रु.5000/- का दंड है तथा दूसरे एवं आगे अपराध हेतु वाहन को जब्त करने के अलावा रु.10000 / – के दंड सहित कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। – उपरोक्त सजा के अनुक्रम में चालक का ड्राइविंग लाइसेंस माननीय उच्चतम न्यायालय समिति के निर्देशों के तहत तीन माह के लिये निलंबित किया जायेगा । इसके अलावा यह भी देखा गया है कि कुछ डिजिटल प्लेटफार्म एक ऐप के माध्यम से स्वयं को एग्रीगेटर के रूप में प्रस्तुत कर बुकिंग की पेशकश करके इस तरह के संचालन की सुविधा प्रदान कर रहे है जो धारा 93 के प्रावधान में उल्लंघन है तथा मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुभाग 193 (2) के तहत एक लाख रूपये के फाइन के साथ दंडनीय होगा। तदानुसार अभियोजन एवं दंड आदि से बचने के लिये इस तरह की गतिविधियो को रोकने का निर्देश दिया जाता है ।

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