नोएडा के सेक्टर-151ए में देश का सबसे बड़ा हेलीपोर्ट बनने का रास्ता साफ हो गया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद गुरुवार को इसकी तकनीकी बिड खोल दी गई। इसके साथ ही हेलीपोर्ट निर्माण के लिए रिफैक्स एयरपोर्ट एवं ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड का चयन कर लिया गया।
नोएडा प्राधिकरण ने कंपनी की ओर से तकनीकी बिड में प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों का परीक्षण शुरू कर दिया है। इसके लिए प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने फाइल सलाहकार कंपनी राइट्स के पास भेजी है। अगर चयनित एजेंसी प्राधिकरण के मानकों पर सही उतरती है तो उसे इस परियोजना को पूरा करने का जिम्मा सौंप दिया जाएगा।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप – (पीपीपी) मॉडल पर बनने वाले हेलीपोर्ट के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 12 जनवरी 2023 निर्धारित थी। सिर्फ एक कंपनी रिफैक्स एयरपोर्ट एवं ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड ने आवेदन किया। यह कंपनी चेन्नई की है। प्राधिकरण ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर परियोजना होने के कारण टेंडर में न्यूनतम तीन एजेंसियां होने की बाध्यता नहीं है। प्राधिकरण ने इससे पहले इस परियोजना में 31 दिसंबर 2021 को ग्लोबल टेंडर जारी किया था। उस टेंडर में भी सिर्फ इसी एजेंसी ने आवेदन किया था ।
आसान और तेज होगी नोएडा की कनेक्टिविटी
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक हेलीपोर्ट परियोजना का उद्देश्य नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी बनाना है। वायु यात्रियों को नोएडा हवाईअड्डे से सीधे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे तक हेलीकॉप्टर मिलेंगे। दिल्ली और अन्य पड़ोसी शहरों जैसे मथुरा, आगरा और देहरादून तक नोएडा से उड़ान भरने का भी मौका मिलेगा। इससे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। आपातकालीन परिस्थितियों में हेलीकॉप्टर के जरिए 400 किलोमीटर तक का सफर बेहद आसान और तेज हो जाएगा।
हेलीपोर्ट पर यह सुविधाएं होंगी
हेलीपोर्ट तीन ओर से सेक्टर 151ए में बन रहे गोल्फ कोर्स से घिरा होगा। इस हेलीपोर्ट के आसपास वीआईपी और कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के आवागमन की सुविधा रहेगी। नोएडा अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की बदौलत राजस्व बढ़ेगा। हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों के लिए शानदार अवसर होगा। हेलीपोर्ट से बेल 412 हेलीकाप्टरों को लैंडिंग और टेकऑफ की सुविधा होगी। इन हेलीकॉप्टर में 13 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। इसमें हेलीपैड, एप्रेन, टैक्सी-वे, हैंगर और एक टर्मिनल बिल्डिंग होगी।