भारतीय बाजार में प्याज की कीमतों में आई अचानक गिरावट ने उपभोक्ताओं को तो राहत दी है, लेकिन किसानों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। मोदी सरकार द्वारा 7 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद, मात्र दो सप्ताह के भीतर प्याज की कीमतें आधी हो गई हैं।

थोक बाजारों में कीमतों का हाल: थोक बाजारों में प्याज की कीमतें लगभग 50% तक गिर गई हैं। लासलगांव एएमपीसी में प्याज की औसत थोक कीमत जो पहले 39-40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, अब घटकर 20-21 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। व्यापारियों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में भी कीमतें स्थिर रहेंगी या और भी कम हो सकती हैं।

उपभोक्ताओं के लिए राहत: प्याज की कीमतों में इस गिरावट से जहां उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है, वहीं इसने किसानों के लिए चिंता का विषय बना दिया है।

किसानों की बढ़ी परेशानी: नासिक जिले की 17 बाजार समितियों में प्याज की कीमत गिरने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। प्याज की कीमत 3,000 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई है। इससे किसानों को अपनी मूल लागत भी निकाल पाना मुश्किल हो गया है।

मुफ्त में प्याज बांटने की नौबत: इस नुकसान के चलते, कई किसानों ने अपनी फसल को मुफ्त में बांटने का फैसला किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में किसानों को प्याज को मुफ्त में बांटते हुए देखा जा सकता है।

नासिक जिले के किसानों का नुकसान: नासिक जिले के किसानों का कहना है कि प्याज की कीमत में इस भारी गिरावट से उन्हें 150 से 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लासलगांव एपीएमसी बाजार में प्याज की दैनिक खपत 40,000 क्विंटल है, जबकि नासिक जिले की सभी बाजार समितियों में कुल मिलाकर लगभग 1.5 लाख क्विंटल प्याज स्टॉक में है। इससे अकेले लासलगांव में किसानों को रोजाना लगभग ₹6 से ₹7 करोड़ का नुकसान हो रहा है।

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

Leave a comment