प्याज की औसत थोक कीमत 40% की बढ़ोतरी के साथ 1,800 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई। इस दिन लगभग 10,000 क्विंटल प्याज की नीलामी हुई थी, जिसमें न्यूनतम मूल्य 1,000 रुपये और अधिकतम 2,100 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
इस वृद्धि की एक मुख्य वजह यह रही कि प्याज निर्यातकों ने विदेशी बाजारों में बेचने के लिए प्याज खरीदना शुरू किया। खुदरा बाजार में भी प्याज के भाव में विभिन्नता देखने को मिली, जहां कुछ जगहों पर प्याज 15 रुपये प्रति किलो मिल रहा था तो कहीं 80 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था।
प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के चलते पिछले साल दिसंबर में कीमतें गिर गई थीं, लेकिन हाल ही में प्रतिबंध वापस लेने के निर्णय के बाद कीमतों में उछाल आया। इस निर्णय की घोषणा केंद्रीय मंत्री भारती पवार ने की थी। इस घटनाक्रम ने देश के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव में कीमतों पर प्रभाव डाला।
प्याज उत्पादकों का कहना है कि निर्यात पर प्रतिबंध ने उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया और वे उत्पादन लागत भी नहीं निकाल पा रहे थे। प्याज की उच्च कीमतों के इस उछाल से किसानों को लाभ की उम्मीद है, वहीं उपभोक्ताओं के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है।