ब्रज रज उत्सव में हेमा मालिनी का कार्यक्रम पहले से ही 17 नवंबर को होना तय था। इस कार्यक्रम में मोदी को लाने के लिए सांसद हेमा मालिनी की कोशिश थीं। उनका शेड्यूल मिलने के बाद नृत्य नाटिका के मंचन का दिन भी बदलकर 23 नवंबर कर दिया गया है।23 नवंबर को इस नृत्य नाटिका के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 23 नवंबर को कान्हा की नगरी का दौरा कई मायनों में बेहद खास होने वाला है। प्रधानमंत्री और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी जोकि मथुरा की सांसद भी है वह भक्त मीराबाई पर आधारित नृत्य नाटिका देखने आ रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक रूप से भी उनका ये दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
तीसरी बार सांसद बनने को तैयार हेमामालिनी की चुनावी तैयारियों को यह दौरा नया मोड़ देगा। मथुरा में 14 नवंबर से 27 नवंबर तक होने वाले ब्रज रज उत्सव में मीराबाई पर आधारित नृत्य नाटिका फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी प्रस्तुत करेंगी।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री के इस दौरे के अपने राजनीतिक निहितार्थ हैं। दरअसल, वर्ष 2014 और 2019 में मथुरा से सांसद चुनी गईं हेमा मालिनी तीसरी बार भी चुनाव मैदान में मथुरा की सीट से उतरने की तैयारी कर रही हैं। वे कई बार कह चुकी हैं कि वे पूरी तरह फिट हैं, पार्टी कहेगी तो जरूर चुनाव लड़ेगी। हेमा मालिनी के सामने भाजपा के चुनाव में बनाए गए उम्र के नियम भी आड़े आ रहे हैं, क्योंकि इसी वर्ष वह 75 की होने वाली है।
हेमा मालिनी की उम्र 75 हुई, और इधर कई अन्य दावेदार भी मैदान में आ गए हैं। दावेदारो की सूची में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ ही महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण की भूमिका निभाने वाले नितीश भारद्वाज का नाम भी चर्चा में आ रहा है। बहुत से स्थानीय नेता भी कतार में हैं। ऐसे में पीएम मोदी का ये दौरा वह भी सिर्फ हेमा के कार्यक्रम के लिए, उनके राजनीतिक दांव के लिए काफी अहम है।
चुनावी चर्चाओं में हेमा इस कार्यक्रम के जरिए पीएम और पार्टी के अंदर अपनी मजबूत पकड़ भी दिखाना चाहती हैं। अब लोकसभा चुनावों में चंद महीने ही रह गए हैं, ऐसे में यह दौरा हेमा के राजनीतिक कद से जोड़कर देखा जा रहा है। जाहिर है कि प्रधानमंत्री का भाषण भी इस पूरे दौरे में काफी अहम होगा।
टिकट मांग रहे दावेदारों को दांव खत्म करने के साथ ही हेमा मालिनी की चुनावी तैयारी को भी पीएम का दौरा नई उड़ान देगा। पीएम का भाषण भी चुनाव के भविष्य की राजनीतिक दिशा तय कर सकता है।