पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा के बिना प्राइवेट संस्थान नहीं दे पाएंगे डी-फार्मा जैसे कोर्स में प्रवेश

प्रावधिक शिक्षा में निजी संस्थानों की मनमानी पर लगाम लगाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने पालिटेक्निक प्रवेश परीक्षा के अभ्यर्थियों को निजी संस्थानों में डी-फार्मा, फैशन डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग और कृषि डिप्लोमा में प्रवेश देने के लिए स्पॉट काउंसलिंग के अनिवार्य कर दिया है। शासनादेश जारी करने से अब निजी संस्थानों को विभिन्न कोर्सों में प्रवेश देने के लिए बैठे हुए अभ्यर्थियों की सिफारिश करना अब संभव नहीं होगा।

बढ़ती मनमानी पर रोक

पहले के दौर में, निजी संस्थानों में प्रवेश देने के लिए निजी संस्थान अपनी मर्जी से प्रवेश परीक्षा आयोजित कराते थे और इससे मनमानी करके फीस वसूलते थे। ऐसे में, गरीब व मध्यम वर्ग के छात्रों को कोर्स में प्रवेश मिलने से वंचित होना पड़ता था और उन्हें मजबूरन ज्यादा फीस भरनी पड़ती थी। इससे ऐसे छात्रों की शिक्षा में आई जा रही बाधाओं को कम करने के लिए शासन ने स्पॉट काउंसलिंग के माध्यम से निजी संस्थानों के मनमाने प्रवेश और फीस वसूली पर रोक लगा दी है।

संघर्ष में बढ़त

पालिटेक्निक प्रवेश परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए दो अगस्त को दिनांक तय किया गया है। इस प्रवेश परीक्षा में करीब चार लाख अभ्यर्थियों के बैठने की उम्मीद है और इन्हें प्रदेश के सरकारी और निजी पालिटेक्निकों में कुल 2 लाख 38 हजार 388 सीटों पर प्रवेश मिलेगा। सरकार ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्पॉट काउंसलिंग को अनिवार्य कर दिया है ताकि विद्यार्थियों को सामान्यकरणीकरण और गुणवत्ता के अनुरूप प्रवेश मिल सके।

इस फैसले से निजी संस्थानों द्वारा की जाने वाली मनमानी प्रवेश और फीस वसूली रुकेगी, जो छात्रों को शिक्षा में बाधाओं से मुक्त करेगा और उन्हें उचित शिक्षा के लिए मौका देगा। साथ ही, संघर्ष के मद्देनजर, बड़े पैमाने पर नकल करवाने वाले नकल माफिया को भी इससे अंकुश लगेगा और शिक्षा के क्षेत्र में दोषियों को सजा मिलने से रोकेगा। इससे प्रावधिक शिक्षा की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा में सुधार होने की संभावना है, जो छात्रों को उनके भविष्य के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगा।

शिक्षा के लिए नई उम्मीदें

प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार के द्वारा किए गए यह कदम छात्रों को उच्चतर शिक्षा में अध्ययन करने के लिए नई उम्मीदें प्रदान करता है। निजी संस्थानों द्वारा किए जा रहे अनुचित व्यवहार को रोकने से नकल माफिया को भी अंकुश लगेगा और शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ेगी। यह फैसला छात्रों के भविष्य की रूपरेखा को सुधारने के लिए एक प्रयास है और उन्हें उनके इच्छित करियर के पथ पर आगे बढ़ने के लिए साथी बना सकता है।

महत्वपूर्ण सूचना :

प्रकरण फायदे
स्पॉट काउंसलिंग प्रक्रिया निजी संस्थानों द्वारा की जाने वाली मनमानी प्रवेश और फीस वसूली रुकेगी, छात्रों को शिक्षा में बाधाओं से मुक्त करेगा।
गुणवत्ता में सुधार शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा में सुधार होने की संभावना है।

Working with News Industry since 2017. I hold Post Graduate Degree in Mass Communication. Belongs from Bihar. I am covering general purpose news impacting day to day life on citizens. For any feedback on. my contents write to [email protected]

Leave a comment

अपना कमेंट दीजिए.