भारत ने सऊदी अरब के साथ फार्मास्युटिकल्स और सिरेमिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस हफ्ते भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सऊदी अरब के दो वरिष्ठ मंत्रियों से अलग-अलग वर्चुअल मुलाकात की, जिनमें दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा हुई।
पीयूष गोयल ने सऊदी अरब के अर्थव्यवस्था और योजना मंत्री फैसल बिन फादेल अल-इब्राहीम तथा निवेश मंत्री खालिद अल-फालिह से बातचीत की। फार्मा, पेट्रोलियम और सिरेमिक्स को प्राथमिकता क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, दोनों देशों के लिए भविष्य में रोमांचक विकास की संभावनाएं हैं।
2023-24 में भारत-सऊदी द्विपक्षीय व्यापार लगभग $43 अरब तक पहुंच गया, जिससे भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया। इसी अवधि में केवल ऊर्जा व्यापार का मूल्य $25.7 अरब था।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवा उत्पादक देश
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवा उत्पादक देश है और दुनिया की जेनेरिक दवाओं की 20% से अधिक आपूर्ति करता है। इसके बावजूद सऊदी अरब को भारत की फार्मा निर्यात हिस्सेदारी केवल $200 मिलियन है, जो बहुत कम मानी जा रही है। सुहैल अजाज़ खान (भारत के सऊदी अरब में राजदूत ने कहा, Vision 2030 के तहत हेल्थकेयर सुरक्षा और घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य में भारत एक स्वाभाविक रणनीतिक साझेदार हो सकता है।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सिरेमिक्स उत्पादक
सिरेमिक्स क्षेत्र में भी भारत के पास बढ़त भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सिरेमिक्स उत्पादक और सबसे बड़ा टाइल्स निर्यातक है। भारतीय सिरेमिक उत्पादों की गुणवत्ता, लागत दक्षता और उत्पादन क्षमता उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाती है। Vision 2030 के तहत सऊदी अरब में इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण क्षेत्र में बढ़ती मांग को देखते हुए, भारत-सऊदी सिरेमिक्स साझेदारी में भी बड़ी संभावनाएं हैं।




