जगह-जगह फंसे प्रवासी मजदूरों की उनके घरों को वापसी को लेकर उचित इंतजाम करने के लिए केंद्र पर राज्य सरकारों का भारी दबाव है. 21 दिन से लॉकडाउन के दौरान यह मजदूर इसी उम्मीद में शेल्टर होम्स में वक्त काट रहे थे कि उन्हें इसके बाद घर जाने को मिलेगा. सौभाग्यवश इनमें कोरोना संक्रमण के कोई संकेत नहीं मिले हैं. कुछ राज्यों ने तो अपने यहां के मजदूरों को लाने के लिए दो तय स्थानों के बीच सीधी बस सेवा का खर्च उठाने की भी तैयारी दिखाई है. साथ ही वह चाहते हैं कि केंद्र सरकार भी कुछ चार्टर्ड ट्रेनों का इंतजाम करे.
राज्यों की चिंता की वजह इन प्रवासी मजदूरों की बढ़ती बैचेनी राज्य सरकारों की चिंता की मुख्य वजह है. बेरोजगारी और घर से दूरी का दोहरा दंश झेल रहे प्रवासी मजदूरों की हिंसक प्रतिक्रिया अब आए रोज देखने को मिल रही है.
महाराष्ट्र, दिल्ली और राजस्थान ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से गुहार लगाई है कि वह मजदूरों की उनके गृह राज्यों में वापसी के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया के तहत दिशानिर्देश जारी करे. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो 11 अप्रैल की वीडियो कान्फ्रेंसिंग में ही प्रधानमंत्री के सामने यह मुद्दा उठाया था.
उन्होंने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया था कि देश के शैक्षणिक केंद्र बनकर उभरे कोटा में विभिन्न राज्यों के 40,000 से ज्यादा छात्र घर वापसी के लिए छटपटा रहे हैं. रास्ता खोजने का आग्रह महाराष्ट्र के मुख्य सचिव ने केंद्र सरकार से ऐसा रास्ता खोज निकालने का आग्रह किया जिससे इन प्रवासी मजदूरों को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया जा सके.
उनकी राय में लाखों प्रवासी मजदूरों को बिना किसी रोजगार के शेल्टर होम्स में लॉकडाउन रखने से यह बेहतर विकल्प होगा. समस्या अधिकांश हिस्सों में गृह मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रवासी मजदूरों की समस्या केवल उत्तर भारत तक ही सीमित नहीं है. यह दक्षिण और पश्चिम भारत के राज्यों में भी मौजूद है.
गृह मंत्रालय ने पहले ही विभिन्न क्षेत्रों के कामगारों के लिए लॉकडाउन की शर्तों में शिथिलता का विस्तृत आदेश जारी किया है. ताकि अराजकता की स्थिति न बने.. वैसे अगले 10 दिन में बड़े पैमाने पर कोविड-19 टेस्टिंग के कारण कोरोना वायरस के प्रभाव का और अधिक खुलासा होगा. इस वजह से अंतर जिला और अंतर राज्य परिवहन फिलहाल स्थगित है.
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने राज्यों से सभी प्रवासी मजदूरों का डेटा बैंक तैयार करने को कहा है ताकि जब अंतर जिला और अंतर राज्य परिवहन शुरु हो तो अराजकता की स्थिति न बने.GulfHindi.com
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