पूर्णिया सैन्य हवाई अड्डा से संयुक्त परिचालन के तहत सिविल इनक्लेव एवं संपर्क पथ निर्माण परियोजना के लिए जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को नए साल में हैंडओवर कर दी जाएगी। जनवरी में भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो जाएगा। एयरपोर्ट के अंदर भी विकास कार्य हो रहे हैं, जो 2020 में मुकम्मल हो जाएंगे। प्रशासन के बयान से उम्मीद जगी है कि सब ठीकठाक रहा तो नए साल के आखिर तक अपने शहर से उड़ान भरने का सपना पूरा होगा।
डीएम ने बताया कि सिविल विमानन निदेशालय पटना की अधियाचना पर गोआसी के समीप 52.18 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाने वाला है। अधियाचना के बाद इसका सोशल इकोनॉमिक इम्पैक्ट (एसआईए) अध्ययन कार्य एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान पटना से कराया गया था। एसआईए प्रतिवेदन का मूल्यांकन विशेषज्ञ समूह से भी कराया गया था।
प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन साठ दिनों में प्राप्त आपत्ति की सुनवाई की गयी। अधिघोषणा के बाद दर निर्धारण के लिए कार्रवाई की जा रही है। भूमि एवं राजस्व विभाग की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। मंजूरी मिलते ही जमीन के अधिग्रहण की दिशा में कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
सात जिलों के लोगों को लाभ
पूर्णिया सैन्य हवाई अड्डा में नौ हजार वर्ग फीट का रनवे है। सैन्य हवाई अड्डा से संयुक्त परिचालन के लिए 2014 से ही पूर्णिया एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मामला पाइपलाइन में है। जमीन अधिग्रहण के लिए 20.50 करोड़ की राशि सरकारी खजाने में जमा है। पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू होने पर सीमांचल और कोसी के सात जिलों के लोगों को लाभ मिलेगा। अभी उन्हें दिल्ली जाने के लिए बागडोगरा जाना पड़ता है। इससे धन के साथ समय का भी अपव्यय हो रहा हैGulfHindi.com