अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं, तो आपके पास एक ट्रेन टिकट (Train Ticket) होना जरूरी है. अगर काउंटर से टिकट बुक कराया है, तो उस टिकट को संभालकर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि खो जाने या चोरी हो जाने (Ticket Lost Rule) पर आप परेशानी में पड़ सकते हैं. वहीं, अगर आप ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करते हुए आईआरसीटीसी ऐप या वेबसाइट से ट्रेन टिकट बुक (Online Train Ticket Booking) कराया है, तो भी इसे एक दो जगहों पर सेव करके रख लेना चाहिए.
क्योंकि अगर आपका फोन ट्रेन के चलने से कुछ देर पहले ही बंद हो जाता है या खराब हो जाता है और आप अपना पीएनआर नंबर भी भूल गए, तो सफर करना मुश्किल हो सकता है. हालांकि, रेलवे के नियम (Indian Railway Rule) के अनुसार, ऐसी स्थिति में भी सफर करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन उन्हे डुप्लीकेट टिकट (Duplicate Train Ticket) बनवाना होगा. आइए जानते हैं कैसे आप एक डुप्लीकेट टिकट बनवाकर सफर कर सकते हैं?
IRCTC की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, यात्रा के दौरान या ट्रेन के चलने से पहले किसी भी यात्री के टिकट के खो जाने पर उसे डुप्लीकेट टिकट पर यात्रा करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन उससे पहले इसकी रिपोर्ट रेलवे को करनी होती है. ताकि आपके टिकट का कोई गलत उपयोग न कर सके. रेलवे के शर्त के अनुसार, यात्रा की अनुमति केवल कंफर्म और आरएसी टिकट वालों को ही दिया जाता है और यह भी शर्त रखी जाती है कि यात्री उसी दिन, उसी स्टेशन से सफर करे.
कैसे बनेगा डुप्लीकेट टिकट और क्या होगा चार्ज
जनरल टिकट के लिए कोई डुप्लीकेट टिकट नहीं होता है, लेकिन रिजर्वेशन टिकट खो जाता है, तो शिकायत करने के बाद इसे टिकट काउंटर से बनवाया जा सकता है. डुप्लीकेट टिकट के लिए अगर आप चार्ट तैयार होने से पहले शिकायत करते हैं, तो आपसे 50 रुपये स्लीपर क्लास के लिए लिया जाता है. जबकि 100 रुपये का चार्ज प्रत्येक यात्री से अन्य बोगी के लिए लिया जाता है. चार्ट तैयार होने के बाद शिकायत की जाती है, तो आपको केवल कंफर्म टिकट के लिए डुप्लीकेट टिकट 50 फीसदी चार्ज के साथ बनाया जाता है.
नहीं मिलता रिफंड टिकट खोने पर
रेलवे का एक नियम यह भी कहता है कि अगर किसी यात्री का टिकट खो जाता है, तो टिकट उसे रिफंड नहीं दिया जाता है. केवल डुप्लीकेट टिकट बनाकर सफर की अनुमति दी जाती है.