भारतीय रेलवे के जरिए हर रोज लाखों की तादाद में यात्रा करते हैं। ट्रेन में तीन तरह के कोच होते हैं। जनरल, स्लीपर और एसी। जनरल कोच में आप साधारण टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं।
लेकिन स्लीपर और एसी कोच में सफर करने के लिए आपको रिजर्वेशन कराना होता है। लेकिन कुछ मौकों पर ऐसा देखने को मिलता है कि हमने रिजर्वेशन तो स्लीपर कोच में कराया होता है पर हमारा टिकट एसी कोच में हो जाता है। हम इसकी वजह नहीं समझ पाते हैं। तो आइये जानते हैं कि आखिर ऐसा होता कैसे है।
क्यों स्लीपर से एसी में ट्रांसफर हो जाता है हमारा टिकट
दरअसल रेलवे में ऑटो अपग्रेडेशन की व्यवस्था होती है। रेलवे ने अपनी इस स्कीम को यात्रियों की सुविधाओं के लिए बनाया है। ट्रेन में रिजर्वेशन कराते वक्त रेलवे यात्रियों को ऑटो अपग्रेडेशन का ऑप्शन देता है। इसमें आपने जिस क्लास के कोच के लिए अपना टिकट बुक किया है आपकी टिकट उससे ऊपर की क्लास के कोच के लिए अपग्रेड हो जाती है। यानी अगर आपने स्लीपर कोच में टिकट बुक किया है तो वो थर्ड एसी में अपग्रेड हो जाएगी।
नहीं देना होता कोई भी पैसा
रेलवे के ऑटो अपग्रेडेशन सर्विस की सबसे खास बात ये है कि इसमें आपको कोई भी पैसा नहीं देना होता है। इस सुविधा के तहत जैसे अगर किसी ने भी अपना टिकट थर्ड एसी में कराया है तो उसका टिकट सेकेंड एसी में अपग्रेड हो जाएगा। हालांकि इस सुविधा का फायदा तभी मिलता है जब कोच में बर्थ अवेलबल हो।
इस वजह से रेलवे लेकर आई है ये नियम
कई बार फर्स्ट एसी और सेकेंड एसी में सीटें खाली रह जाती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इनका किराया काफी ज्यादा होता है। ऐसे में इन सीटों के खाली रहने पर रेलवे को नुकसान होता है। जिस वजह से रेलवे ने ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम को लॉन्च किया है। जिसमें सीटें खाली रहने पर टिकट को अपग्रेड कर दिया जाता है। जैसे कि अगर फर्स्ट एसी में सीट खाली है तो सेकेंड एसी वाली टिकट को उसमें अपग्रेड कर दिया जाएगा। अगर आपको भी इस सुविधा का फायदा लेना है तो आपको टिकट बुक करते वक्त केवल ऑटो अपग्रेडेशन के ऑप्शन को चुनना होगा।