भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई बेस्ड न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank) के कामकाज पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस फैसले के बाद बैंक के खाताधारक अब अपनी जमा राशि नहीं निकाल सकेंगे और बैंक ना तो लोन दे सकेगा और ना ही कोई नया डिपॉजिट स्वीकार कर सकेगा।
6 महीने तक बैंकिंग सेवाओं पर रोक
13 फरवरी 2025 से न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लागू।
6 महीने के लिए बैंक कोई लोन, एडवांस या निवेश नहीं कर सकेगा।
खाताधारक अपने सेविंग और करंट अकाउंट से पैसा नहीं निकाल सकेंगे।
RBI इस अवधि के बाद स्थिति की समीक्षा करेगा।
बैंकिंग प्रतिबंधों का असर
डिपॉजिटर्स को पैसे निकालने की अनुमति नहीं मिलेगी।
बैंक किसी भी प्रकार की देनदारी नहीं ले सकेगा।
लोन, एडवांस और निवेश पर पूरी तरह से रोक।
बैंक केवल कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली बिल जैसी आवश्यक मदों पर खर्च कर सकेगा।
डिपॉजिट इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा
डिपॉजिटर्स को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलेगा, जो डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत दिया जाएगा।
RBI का सख्त कदम क्यों?
बैंक में भारी अनियमितताओं की वजह से RBI ने यह फैसला लिया।
जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा और बैंकिंग सेक्टर की स्थिरता बनाए रखने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया है।
New India Co-operative Bank पर प्रतिबंधों का सारांश
प्रभावित सेवा | स्थिति |
---|---|
पैसे निकालना | |
नया लोन / एडवांस | |
डिपॉजिट स्वीकार करना | |
बैंक का संचालन | |
डिपॉजिट इंश्योरेंस |
इस प्रतिबंध के चलते न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को असुविधा हो सकती है, लेकिन RBI ने स्थिति सुधारने के लिए छह महीने का समय दिया है।