रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपना कड़ा रुख अपनाते हुए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अपने निशाने पर लेना शुरू कर दिया है. भविष्य में ग्राहकों के साथ किसी भी प्रकार का अनहोनी ना हो इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया काफी कड़ाई से नियमों के पालन की पुष्टि कर रहा है। इसी क्रम में मन्नापुरम फाइनेंस के ऊपर बड़ा जुर्माना आरबीआई ने लगाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए निर्धारित नियमों के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर मणप्पुरम फाइनेंस पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि सोने के बदले कर्ज देने वाली कंपनी पर यह जुर्माना विनियामक अनुपालन में खामियों के आधार पर लगाया गया है। इसका इरादा ग्राहकों के साथ किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को परिभाषित करने का नहीं है।
आरबीआई ने संस्थान की मार्च, 2021 तक वित्तीय स्थिति को देखते हुए इसका वैधानिक परीक्षण किया था। इस दौरान पता चला कि मणप्पुरम फाइनेंस ने 90 दिन से ज्यादा समय से लंबित बकाये को गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया था। नियामक ने कहा कि यह कार्रवाई कंपनी की ओर से गैर संतोषजनक जवाब के आधार पर की गई है।