भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, यदि आवश्यक हो तो कार्य करने की तत्परता के साथ, भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। निर्णय भू-राजनीति और अर्थव्यवस्था में अनिश्चितताओं के बीच आया है, आरबीआई ने मौद्रिक नीति समायोजन को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित किया है।

 

फ़ैसले के बाद फिसला भारतीय रुपया

आरबीआई के नीतिगत फैसले से पहले अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे की गिरावट के साथ 81.95 पर बंद हुआ। यह निर्णय फरवरी में हुई पिछली मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद आया है, जहां आरबीआई ने रेपो दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5% कर दिया था। इस फ़ैसले को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने ख़ुशी जताया हैं और सही कदम बताया हैं.

बैंक के शेयर में बहार.

इस नए फैसले से जहां एक और संशय में पड़े लोन ले चुके ग्राहकों को राहत मिली है तो वही देखते ही देखते इसका असर बैंक के शेयरों पर भी पड़ा है. खबर लिखे जाने तक भारतीय सूचकांक निफ्टी 17600 के आंकड़े को पार कर 0.28% के बढ़ोतरी के साथ ट्रेडिंग कर रहा था.

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