भारत में रिजर्व बैंक के मॉनिटरी पॉलिसी कंट्रोल बैठक आज से शुरू हो जाएगी. इस बैठक के उपरांत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा कई अहम फैसले लिए जाएंगे. महंगाई को काबू करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया दोबारा से रेपो रेट में बदलाव कर सकता है.
अंतिम बार बढ़ सकता है रेपो रेट.
विशेषज्ञ मानते हैं कि आरबीआई अपने इस बैठक में अंतिम बार और रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा. उम्मीद लगाई जा रही है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा 0.25% के दर से रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा सकती है हालांकि इसे अंतिम बार इस वित्त वर्ष में बढ़ाने का फैसला भी माना जा रहा है.
8.5% तक होगा सरकारी बैंकों में फिक्स डिपाजिट ब्याज दर.
सरकार के द्वारा हाल ही में किए गए बदलाव के बाद स्मॉल इन्वेस्टमेंट पर अब 8% का ब्याज मिलने लगा है. वहीं वरिष्ठ नागरिकों को अपने बचत निवेश के लिए 8.25% तक का ब्याज दिया जा रहा है. अगर 0.25% ब्याज दरें बढ़ती हैं तो सामान्य सरकारी बैंकों और बड़े प्राइवेट बैंकों में लोगों को 8% से 8.5% तक का फिक्स डिपाजिट ब्याज मिलना शुरू हो सकेगा.
लोन लेना होगा और महंगा.
ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद वाहन लोन, गृह लोन, पर्सनल लोन इत्यादि और महंगे हो जाएंगे. इसका सीधा असर लोगों के हर महीने जाने वाले ईएमआई पर पड़ेगा. विशेषज्ञ बताते हैं कि जैसे-जैसे रेपो रेट में ऊपर की ओर बढ़ोतरी की जाती है वैसे व्यवसायिक गतिविधियां भी सुस्त पड़ते जाते हैं.