अगर आपने भी कभी लोन लिया है और वह लोन चुकता नहीं कर पाए हैं तो ऐसी स्थिति में आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए गाइडलाइन के अनुसार लोन को आपसी सहमति से सेटलमेंट कर सकते हैं जिसमें आपको पूरे पैसे चुकाने के बजाय एक तय किए गए राशि पर लोन खाते बंद करने के विकल्प मिल जाएंगे।
सरकार ने कॉरपोरेट लोन माफ किए हैं
पिछले कुछ वर्षों से बैंकों का एनपीए काफी बढ़ा है. इस दौरान सरकार ने कॉरपोरेट लोन माफ भी किए, जिसकी काफी आलोचना हुई. ऐसे में रिजर्व बैंक के सामने कड़ी चुनौती थी कि ऐसे डिफॉल्टर्स की संख्या में कमी कैसे की जाए?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसे नए तरीके से नियम के जरिया कर दिया है लागू
आरबीआई ने अब इस समस्या को एक अलग तरह सुलझा लिया है. सिर्फ सुलझाया ही नहीं बल्कि कह सकते हैं कि लोगों को बड़ी राहत भी दी है. आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि ऐसे डिफॉल्टर्स के साथ सेटलमेंट करें और 12 महीनों का कूलिंग पीरियड देकर अपना पैसा निकालें.
दोबारा से ले सकेंगे लोन
ये वो पहली समस्या है जिसके समाधान से देश में छोटे डिफॉल्टर्स की संख्या में कमी आएगी. अब दूसरी समस्या ये है कि सेटलमेंट तो अब भी हो रहा है. बैंक और डिफॉल्टर आपस में सेटलमेंट करते हैं और उसके बाद डिफॉल्टर कर्जमुक्त हो जाता है लेकिन अगर उसे दोबारा लोन की जरूरत पड़ती है तो उन्हें आसानी से लोन नहीं मिल पाता है. बैंकों का उस वक्त नजरिया होता है कि सिबल में सेटलमेंट दिखाई दे रहा है. बैंकों की नजर में वो निगेटिव प्रोफाइल वाला व्यक्ति होता है. फिर चाहे सिबल स्कोर क्यों न 800 पर पहुंच जाए.
RBI ने लगाया एकदम नया व्यवस्था
आरबीआई ने इस समस्या को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है. वो ये है कि 12 महीने में डिफॉल्टर पूरा सेटलमेंट कर देता है तो उसके बाद वो फिर से लोन पाने का हकदार होगा. इसका मतलब है कि सेटलमेंट पूरा करने के बाद लोन लेने वालों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. आरबीआई के इस फैसले का आम आदमी को फायदा मिलेगा. यह जानकारी आरबीआई के 8 जून 2023 के निीटिफकेशन के द्वारा दी गई है.