RBI New Repo Rate. देश में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा बढ़ाए गए रेपो रेट के बाद लोगों को अच्छा फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज मिलने लगा है। अब जब भी रेपो रेट में बदलाव की बात आती है तब लोग अपना कमाई घटने बढ़ने से जोड़ कर देखते हैं। दोबारा से होने वाले रेपो रेट के बैठक में अब समझ लीजिए कि क्या कुछ हो सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की आगामी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। आइए जानते हैं क्या हैं इसके मुख्य बिंदु:
- 🔎 नीतिगत दरों पर यथास्थिति: विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई रेपो दर को 6.5% पर बरकरार रख सकता है, जो मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के संतोषजनक स्तर को दर्शाता है।
- 📈 आर्थिक वृद्धि के संकेत: बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार, जीडीपी में 7.6% की वृद्धि अर्थव्यवस्था के सकारात्मक रुख को दर्शाती है।
- 🗓️ आरबीआई की बैठक की तिथियाँ: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एमपीसी की बैठक 6 दिसंबर को शुरू होगी और इसके फैसले 8 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
- 📉 पिछले फैसले का अवलोकन: आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी में रेपो दर को 6.5% तक बढ़ाया था।
- 🔮 भविष्य की संभावनाएँ: नोमुरा के अर्थशास्त्री ऑरोदीप नंदी की उम्मीद है कि एमपीसी दिसंबर की बैठक में दरें नहीं बढ़ाने का सर्वसम्मत फैसला करेगी।
🌐 इस समीक्षा का महत्व: यह समीक्षा न केवल वित्तीय बाजारों के लिए, बल्कि आम जनता और उद्योग जगत के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका प्रभाव ऋण दरों और निवेश नीतियों पर पड़ता है। इस समीक्षा के परिणाम से भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा पर एक नया प्रकाश पड़ेगा।