अब से आपको बैंकों से आने वाले कॉल और मैसेज केवल 6 अंकों के नंबर से ही मिलेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह नई पहल शुरू की है ताकि ग्राहकों को साइबर धोखाधड़ी से बचाया जा सके।
क्या बदला है?
- अभी तक हर बैंक, जैसे SBI और PNB, के अपने अलग-अलग नंबर थे।
- साइबर अपराधी इन नंबरों का फायदा उठाकर फर्जी कॉल और मैसेज से ग्राहकों को ठगने की कोशिश करते थे।
- अब 6 अंकों का एक मानक नंबर होगा जिससे असली और नकली कॉल पहचानना आसान होगा।
RBI की अन्य पहल:
- यूपीआई ट्रांजैक्शन की सीमा बढ़ी:
- अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यूपीआई से लेन-देन की सीमा ₹5 लाख कर दी गई है।
- बढ़ते यूपीआई इस्तेमाल के साथ-साथ साइबर ठगी पर लगाम लगाने के उपाय भी किए जा रहे हैं।
- सावधानी बरतने पर जोर:
- फिशिंग (जाली ईमेल), क्यूआर कोड फ्रॉड, और विशिंग (फर्जी कॉल) से बचने की सलाह।
- फोन का सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें और पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें।
- मजबूत और जटिल पासवर्ड बनाएं।
- मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को सक्रिय रखें।
- स्क्रीन शेयरिंग ऐप का उपयोग करते समय सतर्क रहें।
साइबर ठगी पर क्या करें?
अगर आप साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
क्यों जरूरी है यह कदम?
- 6 अंकों के नंबर से ग्राहकों को असली कॉल और मैसेज की पहचान आसान होगी।
- साइबर अपराधियों द्वारा नंबरों का दुरुपयोग रुकने की संभावना है।