रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में नए डिजाइन के बीस और पांच सौ रुपये मूल्यवर्ग के नकली नोटों का चलन बढ़ गया है।
500 के नोट इस्तेमाल करने वाले ध्यान दें
आरबीआई ने कहा कि बीस रुपये के नोटों में 8.4 और पांच सौ रुपये के नोटों में 14.4 फीसदी की वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में बैंकिंग सिस्टम में पांच सौ रुपये के 91,110 नकली नोट पकड़े गए। वहीं दस, सौ रुपये और दो हजार रुपये के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में क्रमशः 11.6, 14.7 और 27.9 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
2000 रुपये के नोट से भी आये नक़ली पैसे देश में
रिपोर्ट के अनुसार, इसी अवधि में दो हजार रुपये मूल्यवर्ग के 9,806 नकली नोट पकड़े गए। इस साल 2.25 लाख नोट पकड़ में आए। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कुल मिलाकर बैंकिंग व्यवस्था में पकड़े गए नकली नोटों की संख्या पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले घटी है।
इनकी संख्या पहले 2.30 लाख थी, जो इस साल 2.25 लाख रह गई । नकली नोटों में से 4.6 फीसदी रिजर्व बैंक में पहचाने गए हैं, वहीं 95.4 फीसदी नोट बैंकों द्वारा पकड़ में आए। रिपोर्ट में आरबीआई ने यह भी कहा है कि 2022-23 के दौरान सुरक्षा मुद्रण पर कुल खर्च 4,682 करोड़ रुपये हुआ। पिछले वर्ष यह 4,984 करोड़ रुपये था।