मुंबई में किराए के मकानों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जिससे मायानगरी देश के सबसे महंगे शहरों में शामिल हो गया है. हाल में एक एजेंसी के सर्वे में इसका खुलासा हुआ है.
मुंबई: बढ़ती महंगाई की वजह से पिछले एक साल में मुंबई में घरों के किराए में रिकॉर्ड 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
इसी वजह से शहर में अन्य खर्चों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसका खुलासा मर्सर की ‘कॉस्ट ऑफ लिविंग रिपोर्ट-2023’ के सर्वे में हुआ है. इसके मुताबिक मुंबई यात्रियों और प्रवासियों के लिए देश का सबसे महंगा शहर है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पर्यटकों के लिए मुंबई सबसे महंगा शहर है. सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय शहरों चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और पुणे में रहने की लागत मुंबई की तुलना में 50 प्रतिशत से भी कम है. मुंबई के बाद नई दिल्ली और बैंगलोर का स्थान है. मर्सर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, मुंबई पांच महाद्वीपों के 227 शहरों में से 147 वें स्थान पर है.
विश्व स्तर पर, हांगकांग सूची में सबसे ऊपर है. वैश्विक रैंकिंग में दिल्ली 169वें, चेन्नई 184वें, बैंगलोर 189वें, हैदराबाद 202वें, कोलकाता 211वें और पुणे 213वें स्थान पर है. मर्सर सर्वेक्षण ने प्रत्येक शहर में 200 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं की अनुमानित कीमतों की तुलना की. इसमें आवास, भोजन, परिवहन, घरेलू सामान, कपड़े और मनोरंजन शामिल थे.
कराची, इस्लामाबाद सस्ते शहर: मर्सर की एक रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग, सिंगापुर और ज्यूरिख इस साल अंतरराष्ट्रीय श्रमिकों के लिए दुनिया के सबसे महंगे शहर बनकर उभरे हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान के दो अन्य शहर कराची और इस्लामाबाद सबसे सस्ते हो गए हैं. मुंबई और दिल्ली 2023 में एक्सपैट्स के लिए एशिया के 35 सबसे महंगे शहरों में शामिल हैं. बढ़ोतरी का कारण क्या है? महाराष्ट्र सोसाइटी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश प्रभु ने कहा कि ‘एमएमआर क्षेत्र’ में लगभग 10,000 भवनों की पुनर्विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं.
इसके साथ ही पुरानी और जर्जर इमारतों के पुनर्विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा दी गई रियायतों के कारण मुंबई में कई परियोजनाएं चालू हैं. साथ ही कुछ रुके हुए प्रोजेक्ट भी शुरू किए गए हैं. साथ ही, चूंकि इन भवनों के निवासी नए स्थानों पर स्थानांतरित हो गए हैं, इससे किरायेदारों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है. इससे स्वाभाविक है कि मकानों का किराया बढ़ेगा.
वहीं दूसरी ओर कोरोना काल में कई लोगों ने घर से काम किया. अब जबकि यह खत्म हो गया है तो मुंबई लौटे कामकाजी पेशेवरों की ओर से आवास की मांग के कारण मकान का किराया भी बढ़ गया है. कच्चे माल के दाम बढ़े इस बारे में बात करते हुए जाने-माने बिल्डर वेलेरियन डाइस ने कहा है कि मकानों का किराया बढ़ने के पीछे मुख्य कारण यह है कि निर्माण उद्योग के लिए जरूरी कच्चे माल की कीमतें काफी हद तक बढ़ गई हैं.
फिर उसमें सीमेंट और स्टील होगा, साथ में मजदूरों की तनख्वाह भी. इसमें भारी इजाफा हुआ है. बैंकों की ब्याज दर में भी काफी इजाफा हुआ है, जिसके चलते मकान का किराया बढ़ा है. दूसरी ओर, मुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने के कारण बहुत से लोग मुंबई की ओर आकर्षित होते हैं. हालांकि, मुंबई के कई उद्योग मुंबई से बाहर चले गए हैं. चूंकि मुंबई में बड़ी संख्या में ‘सेवा उद्योग’ हैं, इसलिए लोग आराम से रहने के लिए मुंबई आते हैं. इस वजह से भी यह हर चीज को प्रभावित कर रहा है.