अगर अब बाहर खाने के लिए जा रहे हैं तो आपको अब इन्वॉयस में बिल पेमेंट करने के समय जोड़े जा रहे जीएसटी को ध्यान देने की आवश्यकता है. ध्यान देने की बात यह है कि अभी आपके दिल में अवैध तरीके से जीएसटी जोड़ कर आपसे बेवजह अधिक वसूली भी की जा रही है और हम निश्चिंत हैं कि आपके साथ दिया मामला जरूर हुआ होगा.
ग़ैर गानूनी टूर से वसूला जा रहा हैं जीएसटी
रेस्टोरेंट कहीं आपसे गैर कानूनी तरीके से जीएसटी तो नहीं वसूल रहे हैं। इन दिनों इस मुद्दे पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) और टैक्स एक्सपर्ट के बीच जोरों से चर्चा चल रही है। जीएसटी की कंपोजिशन स्कीम में शामिल रेस्टोरेंट भी धड़ल्ले से ग्राहकों से जीएसटी वसूल रहे हैं, जबकि कंपोजिशन स्कीम में शामिल रेस्टोरेंट ग्राहकों से जीएसटी नहीं वसूल सकते हैं।
Composite Scheme वाले नहीं ले सकते GST.
वे इनपुट टैक्स क्रेडिट का भी दावा नहीं कर सकते हैं। ग्राहकों को यह पता ही नहीं होता है कि कौन सा रेस्टोरेंट कंपोजिशन स्कीम में शामिल है और कौन सा नहीं। इसलिए ग्राहक भी जीएसटी के साथ बिल का भुगतान कर देते हैं । अब ट्विटर पर एक ग्राहक की शिकायत के बाद सीबीआइसी ने स्पष्टीकरण दिया है कि कंपोजिशन स्कीम में पंजीकृत टैक्सपेयर्स ग्राहक को टैक्स से जुड़ा कोई भी इनवायस जारी नहीं कर सकता है और वह जीएसटी भी नहीं वसूल सकता है।
चेक करना हैं ज़रूरी
कई कर विशेषज्ञों का कहना है कि रेस्टोरेंट की तरफ से दिए गए बिल में रेस्टोरेंट का जीएसटी नंबर होता है। जीएसटी वेबसाइट पर जाकर यह पता किया जा सकता है रेस्टोरेंट कंपोजिशन स्कीम में शामिल है या नहीं। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि रेस्टोरेंट में खाने के बाद ग्राहक के लिए वेबसाइट पर जाकर जानकारी जुटाना संभव नहीं है। कंपोजिशन स्कीम में शामिल रेस्टोरेंट को यह बताना चाहिए कि वह इस स्कीम में शामिल है। या फिर बोर्ड लगाकर ग्राहकों को इसकी जानकारी देनी चाहिए ।