ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि सऊदी अरब सरकार 26 सितंबर से 9 अक्टूबर तक होने वाले रियाद कॉमेडी फेस्टिवल 2025 का इस्तेमाल अपने मानवाधिकार उल्लंघनों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर दमन से ध्यान हटाने के लिए कर रही है।
यह फेस्टिवल जमाल खशोगी की हत्या की 7वीं वर्षगांठ के पास आयोजित हो रहा है। खशोगी की हत्या 2018 में सऊदी सरकार द्वारा की गई थी। फेस्टिवल ऐसे समय में हो रहा है जब हाल ही में एक पत्रकार को उनकी सार्वजनिक अभिव्यक्ति के कारण सजा दी गई थी।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने फेस्टिवल में भाग लेने वाले कॉमेडियनों से कहा है कि वे सऊदी सरकार से नाइंसाफ़ तरीके से गिरफ्तार किए गए एक्टिविस्ट, पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग फेस्टिवल के दौरान सार्वजनिक रूप से करें।
फेस्टिवल में शामिल कॉमेडियन हैं:
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अज़ीज़ अंसारी
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हन्निबल बुरेस
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बिल बुर
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जिमी कैर
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डेव चैपल
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पीट डेविडसन
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माज़ जोब्रानी
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सैम मोरिल
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मार्क नॉर्मैंड
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निमेश पटेल
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टॉम सेगुरा
टिम डिलन को भी शो में शामिल किया गया था, लेकिन उन्होंने सऊदी अरब के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर मज़ाक करने के कारण उनका प्रदर्शन रद्द कर दिया गया।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि कॉमेडियन अगर सऊदी में मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चुप रहते हैं, तो वे अनजाने में सरकार की छवि सफ़ेद करने वाली कोशिशों को बढ़ावा दे रहे हैं।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्द बिन सलमान ने देश में मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा दिया है, और बड़े कलाकारों और खेल सितारों के इवेंट आयोजित कर विदेशी निवेश और पर्यटन आकर्षित करने की कोशिश की है। लेकिन इसके साथ ही सरकार ने सत्तापर आलोचना करने वालों की गिरफ्तारी जारी रखी है।
ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि फेस्टिवल में आने वाले कॉमेडियन इस अवसर का उपयोग करें और सऊदी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए आवाज़ उठायें, जैसे:
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वलीद अबू अल-खैर (15 साल की सज़ा)
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मनाहेल अल-ओतैबी (महिला अधिकार एक्टिविस्ट, सज़ा 5 साल)




