दक्षिण दिल्ली में रहने वाले और वहां से गुजरने वाले लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राजधानी के इस महत्वपूर्ण हिस्से को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने और मानसून के दौरान होने वाले भीषण जलभराव से निपटने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना को हरी झंडी मिल गई है। दिल्ली सरकार की व्यय वित्त समिति (ईएफसी) ने एक अहम बैठक में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की तीन बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं का सीधा लाभ उन वाहन चालकों को मिलेगा जो घंटों जाम में फंसने को मजबूर होते थे, साथ ही बरसात में सड़कों के तालाब बनने की समस्या भी अब इतिहास बन जाएगी।
कुल 759 करोड़ रुपये की लागत से 30 महीने के भीतर पूरा होगा इन तीनों महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण कार्य
प्रशासन ने इन विकास कार्यों के लिए खजाना खोल दिया है। स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, इन तीनों परियोजनाओं पर कुल 759 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें मोदी मिल फ्लाईओवर का विस्तार, सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर का दोहरीकरण और एमबी रोड पर एक विशाल स्टॉर्म वॉटर ड्रेन का निर्माण शामिल है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इन सभी कार्यों को समय सीमा के भीतर पूरा करने पर जोर दिया जाएगा और इसके लिए 30 महीने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं के पूरा होते ही दक्षिण दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
मोदी मिल से आईआईटी गेट तक का सफर होगा सुहाना, आउटर रिंग रोड और कैप्टन गौर मार्ग चौराहे पर बनेगा नया टू-वे फ्लाईओवर
इस पूरी कवायद में सबसे ज्यादा जोर मोदी मिल फ्लाईओवर के विस्तार पर है। योजना के मुताबिक, मोदी मिल से आईआईटी गेट चौराहे तक के पूरे कॉरिडोर को दोनों दिशाओं में तीन-तीन लेन का बनाया जाएगा, जिससे वाहनों की रफ्तार बढ़ेगी। 312.94 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के तहत आउटर रिंग रोड और कैप्टन गौर मार्ग चौराहे पर एक नया दो-तरफा फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इसके अलावा, कालकाजी मंदिर से मोदी मिल तक 1140 मीटर और वापसी में मोदी मिल से कालकाजी मंदिर तक 870 मीटर लंबा तीन-लेन का कैरिजवे तैयार होगा। इससे विशेष रूप से कैप्टन गौर मार्ग और जीके-2 रोड जैसे व्यस्त चौराहों पर लगने वाले जाम से लोगों को मुक्ति मिलेगी।
सावित्री सिनेमा के सामने लगने वाले जाम से मिलेगी मुक्ति, मौजूदा सिंगल फ्लाईओवर को डबल करने की योजना को भी मिली मंजूरी
सावित्री सिनेमा के सामने स्थित मौजूदा सिंगल फ्लाईओवर अब बढ़ते ट्रैफिक का भार उठाने में सक्षम नहीं था। इसे देखते हुए अब इसे डबल करने का फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि मौजूदा फ्लाईओवर 2001 में केवल मोदी मिल से आईआईटी जाने वाले ट्रैफिक के लिए बनाया गया था। अब आईआईटी से मोदी मिल की ओर आने वाले वाहनों के लिए 58.81 करोड़ रुपये की लागत से एक नया ‘हाफ फ्लाईओवर’ बनाया जाएगा। यह नया फ्लाईओवर तीन लेन चौड़ा और 435 मीटर लंबा होगा। इसके बनने से दोनों दिशाओं में आवागमन सुगम हो जाएगा और पीक आवर्स में लगने वाली लंबी कतारें खत्म हो जाएंगी।
मानसून में जलभराव की समस्या का होगा ‘द एंड’, एमबी रोड के दोनों तरफ बनाई जाएगी 22 किलोमीटर लंबी विशाल ड्रेन
ट्रैफिक जाम के साथ-साथ जलभराव दक्षिण दिल्ली की एक बड़ी समस्या रही है। इसके स्थायी समाधान के लिए एमबी रोड (महरौली-बदरपुर रोड) पर एक विशाल ड्रेन का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना लाडो सराय टी-पॉइंट से पुल प्रहलादपुर तक विस्तारित होगी। योजना के तहत सड़क के दोनों तरफ 22.76 किलोमीटर लंबी प्री-कास्ट आरसीसी बॉक्स ड्रेन बनाई जाएगी, जिस पर 387.84 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने इस मंजूरी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ईएफसी की मंजूरी के बाद सरकार पूरी दृढ़ता के साथ इनके क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ रही है। इन प्रयासों से दक्षिण दिल्ली को सिग्नल-फ्री यातायात मिलेगा और ड्रेन बनने से मानसून में जलभराव की समस्या नहीं सताएगी।




