नियोक्ता किसी भी कामगार को लोन देने के लिए बाध्य नहीं है
UAE Labour Law के मुताबिक नियोक्ता किसी भी कामगार को लोन देने के लिए बाध्य नहीं है। तो अगर आपने नियोक्ता या कंपनी से लोन लिया है तो यह आपसी सहमति से होगा। नियोक्ता इस लोन का इंटरेस्ट नहीं रख सकता है। अगर लोन एग्रीमेंट कंपनी और कर्मचारी के बीच हुआ है तो कंपनी आपसी सहमति पर यह निर्णय ले सकते हैं।
लोन को रिकवर करने के लिए पेमेंट में कटौती कर सकता है
वहीं अगर चाहे तो नियोक्ता UAE Labour Law के आर्टिकल 60 के मुताबिक लोन को रिकवर करने के लिए पेमेंट में कटौती कर सकता है। लेकिन नियोक्ता केवल मंथली सैलरी का दस फीसदी की काट सकता है।