सऊदी अरब ने अपने अरब लाइट क्रूड तेल की आधिकारिक बिक्री कीमत (OSP) को अगस्त माह के लिए Oman/Dubai औसत से $2.20 प्रति बैरल तक बढ़ा दिया है, जो बीते चार महीनों में सबसे अधिक बढ़ोतरी है।
इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण हैं:
- चीन को निर्यात में उछाल — अगस्त में सऊदी तेल निर्यात चीन को दो साल के उच्चतम स्तर (1.65 मिलियन बैरल/दिन) तक पहुंचने की उम्मीद है।
- घरेलू ऊर्जा खपत में वृद्धि — गर्मियों में बिजली और कूलिंग की मांग बढ़ी है।
- OPEC+ की उत्पादन वृद्धि नीति — आठ सदस्य देशों ने अगस्त में 548,000 बैरल/दिन की उत्पादन वृद्धि की पुष्टि की, लेकिन सऊदी का उत्पादन बाकी देशों से अधिक बढ़ा है।
जानिए तेल की बढ़ती कीमत से क्या होगा असर
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रिफाइनर और उपभोक्ताओं के लिए महंगा तेल — एशिया और यूरोप में रिफाइनिंग की लागत बढ़ेगी, जिसके कारण आयात देशों पर दबाव बढ़ सकता है ।
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ऊर्जा बाजार में सामरिक बदलाव — सऊदी अरब की बढ़ी कीमत नीति बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने और रिफाइनिंग मार्जिन बचाने के लिए उठाया गया कदम प्रतीत होता है ।
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वैश्विक स्तर पर निवेश और रणनीति प्रभावित — उच्च कीमतें अन्य देशों को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता बढ़ाने की प्रेरणा दे सकती हैं।
क्या है बाजार की प्रतिक्रिया
- तेल की कीमतों में बढ़ोतरी — ब्रेंट क्रूड $69–70/बैरल रहा, जबकि WTI लगभग $67–68 रहा
- खाली जगह में मांग बनी हुई — व्यापक OPEC+ उत्पादन वृद्धि के बावजूद, जलवायु व सीमित भंडारों के कारण कीमतें समर्थन बनाए रखीं।
- गुल्फ स्टॉक मार्केट्स में हल्का सा उछाल — तेल वृद्धि और अमेरिका-चीन व्यापार संकेतों से निवेशक भरोसा बना है।
चीन की स्थिति:
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Sinopec, जो एशिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी है, अगस्त में अधिक कच्चा तेल प्राप्त करेगी।
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कंपनी ने दूसरी तिमाही में कई संयंत्रों की मरम्मत पूरी करने के बाद अब उत्पादन को बढ़ाना शुरू किया है।
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अन्य चीनी रिफाइनरों को मिलने वाला सऊदी तेल पिछले महीने जितना ही रहेगा — कोई बढ़ोतरी नहीं।
अभी तक Saudi Aramco और Sinopec ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है।
एशियाई रिफाइनरों की मांग क्यों बढ़ी?
जून 2025 में ईरान-इज़राइल संघर्ष के कारण स्पॉट मार्केट में कीमतें बढ़ गईं, जिससे एशियाई रिफाइनरों ने अगस्त-सितंबर के लिए अधिक मात्रा में लंबी अवधि की सप्लाई (term crude) की मांग की है।




