दमाम में आधारित सऊदी अरब की नई लो-कॉस्ट एयरलाइन की घोषणा सिर्फ एक और बजट फ्लाइट शुरू होने के रूप में नहीं देखी जानी चाहिए। यह एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है जिसका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को विविध बनाना, पर्यटन को बढ़ावा देना और विकास को रियाद और जेद्दाह के अलावा दूसरे क्षेत्रों में फैलाना है।
सऊदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह 2030 तक हर साल 33 करोड़ यात्री और 15 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करना चाहती है। यह तभी संभव है जब देश के प्रमुख शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों और पड़ोसी खाड़ी देशों के लिए भी उड़ानों का मजबूत नेटवर्क तैयार हो।
दमाम का किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का तीसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट है और पूर्वी प्रांत का मुख्य हवाई केंद्र भी। यहां से शुरू होने वाली नई एयरलाइन अबहा, जज़ान, तबुक जैसे अंडर-सर्व्ड शहरों के साथ-साथ दोहा, कुवैत सिटी, मनामा और शारजाह जैसे खाड़ी देशों को भी जोड़ सकती है।
मांग पहले से मौजूद है
2023 में सऊदी अरब में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 6.2 करोड़ से ऊपर पहुंच गई, जो महामारी से पहले के स्तर को पार कर चुकी है। उमराह और धार्मिक पर्यटन के लिए ई-वीज़ा और स्टॉपओवर वीज़ा जैसी नई स्कीमें यात्रियों को और भी आकर्षित कर रही हैं।
वहीं, NEOM, रेड सी और अलउला जैसे नए मेगा-प्रोजेक्ट्स देश में नए टूरिज्म ट्रेंड बना रहे हैं, जिनके लिए किफायती और लचीली एयरलाइनों की ज़रूरत है।
प्रतिस्पर्धा के बावजूद अवसर है
भले ही पहले से Flynas, flyadeal और कुछ अंतरराष्ट्रीय लो-कॉस्ट एयरलाइन्स बाजार में मौजूद हैं, लेकिन सऊदी अरब की बढ़ती आबादी (करीब 3.5 करोड़) और युवा वर्ग की यात्रा करने की बढ़ती इच्छा इस नई एयरलाइन के लिए मौका बना रही है।
सरकार एयरपोर्ट के ढांचे में 50 अरब रियाल से ज्यादा का निवेश कर रही है और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ा रही है, जिससे लो-कॉस्ट एयरलाइन्स को तेजी से बढ़ने का मौका मिलेगा।
साझेदारी का स्मार्ट मॉडल
नई एयरलाइन में एयर अरेबिया, KUN इनवेस्टमेंट होल्डिंग और नुस्मा जैसी कंपनियों की साझेदारी इसका खास पहलू है। यह मॉडल स्थानीय जरूरतों और वैश्विक अनुभव का अच्छा संतुलन बनाता है। Wizz Air की अबू धाबी से वापसी से यह सीख मिलती है कि किसी भी एयरलाइन को इस क्षेत्र में टिकने के लिए स्थानीय समझ और ब्रांड पहचान जरूरी होती है।




