सऊदी से हाल ही में भारत लौटे एक युवक द्वारा खुद से रिकॉर्ड की गई वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने मौत से पहले यह वीडियो रिकॉर्ड किया था। वह हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती था, जहां वो अस्पताल की लापरवाही का शिकार हो गया।
उसने वीडियो के जरिये अस्पताल की शिकायत करते हुए यह कहा, “हालांकि मैंने उन्हें बताया कि मैं साँस नहीं ले सकता, पर फिर भी उन्होंने वेंटिलेटर को हटा दिया। मैं तंग आ गया हूं। तीन घंटे हो गए हैं, डैडी, यह मेरे दिल की धड़कन बंद कर दिया है। अलविदा डैडी, बाय। सब लोग।”
मृतक का नाम पी रवि कुमार था। मृतक 34 वर्ष का था। रवि के परिवार वालों ने बताया कि 26 जून को सरकार द्वारा संचालित चेस्ट अस्पताल में सेल्फी वीडियो रिकॉर्ड करने के तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई। रवि को 24 जून को भर्ती कराया गया था।
रवि के पिता पी. वेंकटेश्वरलू ने कहा कि उसने वह वीडियो साझा किया ताकि दुनिया को पता चले कि अस्पतालों में क्या हो रहा है। उन्होंने कहा, “किसी अन्य परिवार को इस प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिए।”
हालांकि अस्पताल अधिकारियों ने लापरवाही की बात से इंकार किया है। अधिकारियों ने कहा कि रवि की मृत्यु हृदय संबंधी जटिलताओं से हुई। उन्होंने कहा कि मरीज को दवाइयां दी गईं और पूरक ऑक्सीजन दिया गया, लेकिन उसे दिल से संबंधित जटिलताए थी। जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. महबूब खान ने स्पष्ट किया कि मरीज को वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया था और इसलिए यह कहना गलत था कि इसे हटा दिया गया था। उनके अनुसार, रवि कुमार मायोकार्डिटिस नामक बीमारी से पीड़ित थे।
अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि कोरोनोवायरस से संक्रमित कुछ युवा रोगियों में दिल से संबंधित जटिलता देखी जा रही है। हृदय को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण ऐसे रोगियों की मृत्यु हो जाती है।
मृतक के पत्नी, उसकी एक 12 वर्षीय बेटी और एक नौ साल के बेटा इस घटना से काफी आहत। 10 साल तक सऊदी अरब में काम करने के बाद, रवि कुमार दो साल पहले घर लौट आए थे और अपने माता-पिता के साथ रह रहे हैं।
वेंकटेश्वरलू ने कहा कि उनके बेटे को 23 जून को सांस फूलने की शिकायत होने लगी। वह उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले गए लेकिन किसी ने उन्हें भर्ती नहीं किया।उन्होंने कहा, “हम 11 अस्पतालों में गए लेकिन उन्होंने कोरोना वायरस टेस्ट के बिना किसी रवि को एडमिट करने से इनकार कर दिया।”
अगले दिन वह रवि को एक निजी लैब में ले गया और कोविद -19 परीक्षण के लिए एक नमूना दिया। उसी रात उनकी हालत बिगड़ने लगी और उनके पिता उन्हें निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) ले गए, लेकिन वहां के अधिकारियों ने उन्हें चेस्ट हॉस्पिटल जाने के लिए कहा। उन्हें आखिरकार उस अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वेंकटेश्वरलू अस्पताल परिसर में ही रह रहा था। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने 26 जून की देर रात उन्हें एक सेल्फी वीडियो भेजा था। उन्होंने वीडियो कोलगभग 2.30 बजे देखा और वार्ड के अंदर चले गए, लेकिन तब तक उनके बेटे की मौत हो चुकी थी।
अगले दिन अस्पताल के अधिकारियों ने शव को परिजनों को सौंप दिया और फिर उन्होंने अंतिम संस्कार किया। रिपोर्ट, बाद में आई, जिसमें कोरोना पॉजिटिव दिखाया गया।GulfHindi.com