एक नजर पूरी खबर
- सऊदी में प्रवासी लोगों पर हो रहा अत्याचार
- बंदियों के साथ जानवरों की तरह करते हैं व्यवहार
- शौचालय का पानी पीने को मजबूर है लोग
इन दिनों सउदी अरब में प्रवासियों के लिए जारी नए कानून की खासा चर्चा चल रही है। ऐसे में बता दे कि प्रवासियों का उपचार अधिकार समूहों की तीखी आलोचना के बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बंदियों के साथ “जानवरों की तरह व्यवहार किया जाता है और “शौचालय का पानी पीने” के लिए मजबूर किया जाता है।

वहीं इस मामले पर राज्य से निर्वासन का इंतजार कर रहे बंदियों के अनुसार, अल-शुमासी निरोध केंद्र में इन दिनों बेहद भयावह स्थितियां हैं। सऊदी अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से काम करने के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई खुद को अल-शुमासी निरोध केंद्र का बता रहे हैं। इनमें 32,000 कैदियों को रखने के लिए बनाया गया एक विशाल परिसर है, जिसमें इन सभी को कैद किया गया है।
ऐसे हालातों में हारान करने वाली बात यह है कि यह पकड़े गए लोग अक्सर यह नहीं जानते हैं कि उन्हें केंद्रों पर कब तक रखा जाएगा, या उनके खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं।
वहीं इस मामले का खुलासा करते हुए इब्राहिन ने गार्जियन को बताया कि “हम शौचालय से पानी पीते हैं, हमें पीने के लिए कहीं से पानी नहीं दिया जाता है। इसके अलावा अगर आपके पास पैसा है तो आप साफ पानी खरीद सकते हैं। यदि आपके पास कोई नहीं है, तो आपको शौचालय से गंदा पानी ही पीना पड़ेगा।”
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि यदि आपके पास रिश्वत है और आप इन आला अधिकारियों को पैसे दे सकते हैं, तो कोई भी आपको पकड़कर नहीं ले जाएगा। कोई भी आप को जेल में नहीं डालेगा…कोई भी आप को सजा नहीं देगा। यहां पैसा लेकर भी लोगों को छोड़ दिया जाता है और आपके पास यदि पैसा नहीं है तो आप को कड़ी से कड़ी सजा का भुगतान करना पड़ता है।
सऊदी निरोध केंद्रों के भीतर अमानवीय स्थितियों की रिपोर्टों को उन अधिकारों समूहों की तीखी आलोचना के साथ मिला, जिन्होंने बुनियादी मानकों को बनाए रखने में राज्य की विफलता की ओर इशारा किया था। ऐसे हालातों में इन लोगों के साथ हो रहे व्यवहार पर कोई जवाबदेही नहीं करता है।
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