सऊदी अरब अपने विज़न 2030 के तहत दुनिया का सबसे बड़ा तैरता हुआ औद्योगिक कॉम्प्लेक्स “Oxagon” बना रहा है, जो रेड सी के तट पर NEOM प्रोजेक्ट का हिस्सा है। Oxagon लगभग 48 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा और पूरा शहर पानी पर तैरता हुआ डिज़ाइन किया जाएगा — यह वैश्विक समुद्री व्यापार मार्गों के समीप स्थित है जिससे 13% अंतरराष्ट्रीय व्यापार इस क्षेत्र से होकर गुजरता है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 33 अरब डॉलर (लगभग ₹2.75 लाख करोड़) आंकी गई है। यहां 2030 तक लगभग 90,000 लोगों के बसने का अनुमान है।

Oxagon पूरी तरह नवीकरणीय ऊर्जा पर चलेगा —
सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी स्टोरेज और विंड पावर सिस्टम इसका मुख्य स्त्रोत होंगे। यहां दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीन हाइड्रोजन फैक्ट्री बन रही है, जो रोजाना 600 टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करेगी। इसके साथ ही 1.5 गीगावाट क्षमता वाला हाईटेक डेटा सेंटर स्मार्ट क्लाउड और डिजिटल सेवाओं का क्षेत्रीय हब बनेगा। बेल्जियम की DEME जैसी ग्लोबल कंपनियाँ अब यहाँ ऑफशोर इंजीनियरिंग कार्य कर रही हैं, बड़े पैमाने पर समुद्र में फैला स्ट्रक्चर और ऑटोमेटेड पोर्ट बनाने की तैयारी है।
Oxagon में IoT, रोबोटिक्स, AI और ऑटोमेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा, जिससे इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन का नया भविष्य आकार लेगा। पारंपरिक रेगिस्तान उद्योग की सीमा को तोड़कर, Oxagon पानी पर ही अलग-अलग इंडस्ट्री और आवास के लिए ज्ञान, नवाचार और ग्रीन टिकाऊपन की मिसाल बनेगा। यहाँ से सऊदी अरब एक नए आर्थिक एवं तकनीकी पावरहाउस के रूप में उभर रहा है — अब रेगिस्तान ही नहीं, समुद्र में भी कारोबार का भविष्य लिखा जा रहा है




