- सऊदी से भारतीय कामगार के घर में आत्मा झकझोर देने वाली हुई बात
- पता, नाम हुआ सब जारी
- रियाद में ली आख़िरी साँस
कोरोना महामारी के दौरान कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं जो आत्मा को झकझोर कर रख देती है। उन्हीं में से एक घटना में महाराज के परसौनी गांव के एक युवक और उसके परिवार वालों के साथ घटी है।
दरअसल मिठौरा क्षेत्र में अंतर्गत आने वाले संजीत ने अपने परिवार की बेबसी और गरीबी दूर करने के लिए सऊदी जाने का फैसला लिया। सजित उर्फ़ संजय वर्मा 15 दिन पहले ही सऊदी के रियाद गया। ताकि कुछ पैसे कमाकर अपने परिवार वालों की आर्थिक तंगी को दूर कर सके। वहां उसे एक महिला डॉक्टर के डाइवर के रूप में नौकरी मिली।
लेकिन काम मिलने के कुछ ही दिन बाद उसकी तबियत खराब हो गई। उसे तेज बुखार था और सांस लेने में दिक्क्त हो रही थी, जिसके बाद उसे रियाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत के बाद उसका पूरा परिवार गमों के सैलाब में डूब गया है।
अब उसके परिवार वालों के पास सिर्फ उसकी शव का इंतजार करने के आलावा कुछ बचा नहीं था। पर कोरोना महामारी के कारण संजीत का शव भारत नहीं आ सका। जब शव की भारत आने की कोई उम्मीद नहीं दिखी तो संजीत के पिता रामसजन वर्मा ने अपने बेटे का पुतला बनाकर उसका अंतिम संस्कार किया। रामसजन को ऐसा करने की सलाह उनके रिश्तेदारों और आस पड़ोस के लोगों ने दीGulfHindi.com