कश्मीर और गिलगित बालटिस्तान के क्षेत्र को सऊदी अरब ने पाकिस्तान से अलग करार दिया है और इसे भारत में मोदी सरकार के समर्थक लगातार मोदी सरकार की नई जीत बता रहे हैं. आप चाहें तो इसे सबसे अव्वल दर्जे की अंधभक्ति भी कह सकते हैं.
सोशल मीडिया में व्हाट्सएप से लेकर फेसबुक और ट्विटर तक मोदी सरकार के समर्थक कई हैंडल और पेज बना रखे हैं और उन सारे हैंडल और पेज से “सऊदी अरब ने पाकिस्तान से कश्मीर छीना” से मिलते जुलते हैडलाइन देकर लगातार मोदी सरकार की जय जयकार लगा रहे हैं.
अब मामले की असलियत की बात करें तो मामला बिल्कुल ऐसा नहीं है सऊदी अरब में 20 रियाल का एक नया बैंक नोट जारी किया है जिसमें कश्मीर और गिलगित बालटिस्तान के क्षेत्र को पाकिस्तान के नक्शे से हटा दिया है लेकिन उसे भारत के साथ ही ना जोड़ कर एक स्वतंत्र रूप पेश किया है.
भारत सरकार के तरफ से इस पर आपत्ति जताई गई है और तुरंत इसे सुधार लेने की और नए नोट जारी करने की दरख्वास्त लिखी गई है. मामला कहीं राजनीति और सरकार के बड़े उपलब्धि के दाव से कहीं बहुत ऊपर की चीजें हैं और यह मामला असल में अब किसी एक देश के द्वारा दूसरे देश के उनके सीमाओं को स्व निर्धारित करने और दूसरे देश के आंतरिक मामलों में दखल देना जैसा अंतरराष्ट्रीय मामला है.
India urges #SaudiArabia to take urgent corrective steps on #G20 banknote depicting #JammuAndKashmir as separate entity, @MEAIndia reiterates UTs of J&K and Ladakh are integral parts of India pic.twitter.com/6p9xNTyvLl
— DD News (@DDNewslive) October 30, 2020
भारत में मौजूदा वक्त में आप अगर सोशल मीडिया को गौर से देखें तो आपको प्रोपेगेंडा और बिना आधार के सरकार के समर्थन या विरोध में माहौल बनाने वाले कई बड़े ग्रुप मिल जाएंगे जो भारतीय समाज में भ्रामक जानकारियां फैलाने हेतु जिम्मेदार हैं और कई बार इनके इंसुरेंस में आकर भारत की मेन स्ट्रीम मीडिया जैसे कि टीवी चैनल भी बिना आधार की खबरें और दावे प्रस्तुत कर चुके हैं.GulfHindi.com