सऊदी अरब ने अपने वीजा नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है, जिसका उद्देश्य देश में अकुशल श्रमिकों के प्रवेश को नियंत्रित करना है। इस नए नियम के तहत, व्यावसायिक वेरिफिकेशन प्रोग्राम (Vocational Verification Programme) को 160 से अधिक देशों के लिए लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि इन देशों से आने वाले सभी प्रवासी श्रमिकों को इस प्रोग्राम के तहत एक टेस्ट पास करना होगा।

व्यावसायिक वेरिफिकेशन प्रोग्राम का परिचय

इस प्रोग्राम को सऊदी अरब के मानव संसाधन मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से शुरू किया था। इसमें दो प्रकार के टेस्ट शामिल हैं – प्रैक्टिकल और थ्योरिटीकल। श्रमिक वीजा पाने के लिए इन दोनों ही टेस्ट को पास करना अनिवार्य होगा।

भारत पर क्या होगा असर?

भारत से लाखों की संख्या में कामगार सऊदी अरब का रुख करते हैं। इसलिए, सऊदी सरकार के इस फैसले का भारतीय श्रमिकों पर गहरा असर हो सकता है। सऊदी ने जब इस प्रोग्राम को शुरू किया था, तब भारत उन पहले देशों में शामिल था जिनके श्रमिक इस वेरिफिकेशन प्रोग्राम के तहत सऊदी जा रहे थे।

सऊदी अरब के वीजा नियमों का सख्तीकरण

सऊदी अरब ने अपने वीजा नियमों को सख्त करने के लिए यह कदम उठाया है। इससे पहले, विदेशी घरेलू कामगारों की भर्ती को लेकर भी नियमों में बदलाव किया गया था। नवंबर में आए नए नियमों के अनुसार, सऊदी अरब में अविवाहित पुरुष या महिला नागरिक 24 साल का होने के बाद ही घरेलू कामकाज के लिए विदेशी कामगार को भर्ती कर सकता है।

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