पूरी खबर एक नजर,
- भारतीय कंपनियों और प्रवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है
- सऊदीकरण के कारण जॉब में कमी
भारतीय कंपनियों और प्रवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है
सऊदीकरण के कारण भारतीय कंपनियों और प्रवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सऊदीकरण यानी कि किसी क्षेत्र में प्रवासी की बजाय सऊदी नागरिकों को नौकरी देने का नियम।
बताते चलें कि सऊदी सरकार पहले ही निर्धारित कर देती है कि चुनिंदा क्षेत्र में केवल सऊदी नागरिकों की भर्ती की जाएगी जिसके बाद सऊदी में वैकेंसी तो निकलती है लेकिन प्रवासियों को इसका कोई फायदा नहीं होता है।
इन पदों पर और प्रवासियों की भर्ती नहीं की जाएगी
अभी फिलहाल की बात करें मैनेजर, पब्लिक रिलेशन मार्केटिंग सेल्स एक्सपोर्ट, लैंग्वेज ट्रांसलेटर, स्टोर कीपर, डाटा एंट्री जैसे पदों पर केवल सऊदी नागरिकों की भर्ती का आदेश दे दिया गया है। यानी कि इन पदों पर और प्रवासियों की भर्ती नहीं की जाएगी चाहे कंपनी प्राइवेट ही क्यों ना हो।
प्रवासी कामगारों के साथ-साथ कंपनियों को भी घाटा उठाना पड़ेगा
इसका खामियाजा वहां स्थित भारतीय कंपनियों को भी उठाना पड़ता है क्योंकि ज्यादातर प्राइवेट कंपनियां कम सैलरी पर प्रवासी कामगारों को रखती हैं लेकिन सऊदीकरण के बाद सऊदी नागरिकों के लिए सरकार ने 5000 सऊदी रियाल को न्यूनतम वेतन के तौर पर निर्धारित किया है और इस अमाउंट में कंपनियां दो से तीन प्रवासी कामगार को काम पर लगा देती हैं। यानी कि प्रवासी कामगारों के साथ-साथ कंपनियों को भी घाटा उठाना पड़ेगा।