बैंक अकाउंट हमारे पैसे को सुरक्षित रखने और उस पर ब्याज का फायदा उठाने का एक सुरक्षित ठिकाना होता है। चाहे सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हो, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करना हो, या फिर यूपीआई ट्रांजैक्शन, बैंक अकाउंट के बिना कोई काम नहीं हो सकता। भारत में एक व्यक्ति के पास एक साथ कई बैंक अकाउंट हो सकते हैं, इसके लिए कोई नियम नहीं है। लेकिन क्या आपको पता है कि बैंक अकाउंट में कितना पैसा रखा जा सकता है और कितनी राशि जमा की जा सकती है? आइए जानें इसके बारे में विस्तार से:
1. कितना पैसा बैंक अकाउंट में रख सकते हैं?
आप अपने सेविंग्स अकाउंट में जितना चाहे उतना पैसा रख सकते हैं, इस पर कोई सीमा नहीं है। हालांकि, यदि आपकी जमा राशि अधिक है और इनकम टैक्स के दायरे में आती है, तो आपको उसकी आय का स्रोत बताना होगा। नकद जमा करने की सीमा जरूर होती है, लेकिन चेक या ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से आप कितना भी पैसा जमा कर सकते हैं, चाहे वो हजारों, लाखों या करोड़ों में हो।
2. कितना कैश बैंक में जमा कर सकते हैं?
नियम के अनुसार, यदि आप बैंक में 50,000 रुपये या उससे अधिक नकद जमा करते हैं, तो आपको पैन कार्ड देना जरूरी है। एक दिन में आप एक लाख रुपये तक नकद जमा कर सकते हैं। अगर आप नियमित रूप से कैश जमा नहीं करते, तो यह सीमा बढ़कर 2.50 लाख रुपये तक हो सकती है। एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 10 लाख रुपये तक कैश अपने अकाउंट में जमा कर सकता है।
3. 10 लाख से अधिक कैश जमा करने पर IT विभाग की नजर
यदि आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करते हैं, तो बैंक इसकी जानकारी आयकर विभाग को देता है। इसके बाद आपको उस धन का स्रोत बताना होगा। अगर आप इस आय का स्रोत सही ढंग से नहीं बता पाते, तो आयकर विभाग आपके खिलाफ जांच कर सकता है। इसमें पकड़े जाने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
4. IT विभाग कितना जुर्माना लगा सकता है?
यदि आप 10 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करते हैं और उस धन का स्रोत नहीं बता पाते, तो आयकर विभाग 60% टैक्स, 25% सरचार्ज और 4% सेस लगा सकता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप 10 लाख से अधिक कैश जमा नहीं कर सकते। यदि आपके पास आय का सही प्रमाण है, तो आप निश्चिंत होकर कैश जमा कर सकते हैं। इससे बेहतर यह होगा कि आप उस धनराशि को फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य निवेश विकल्पों में लगाएं, ताकि आपको अच्छा रिटर्न मिल सके।