सेविंग्स अकाउंट और इंटरनेट बैंकिंग:
मौजूदा समय में लगभग हर व्यक्ति के पास बैंक में सेविंग्स अकाउंट है। आप अपने सेविंग अकाउंट को यूपीआई से जोड़कर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा का उपयोग कर सकते हैं।
ब्याज की प्राप्ति:
सेविंग्स अकाउंट में आप अपने पैसों को सुरक्षित रूप से रख सकते हैं और बैंक इस पर आपको ब्याज भी प्रदान करता है, जिससे आपकी अतिरिक्त आजीविका सुनिश्चित होती है।
सेविंग्स अकाउंट में जमा किए जाने वाले पैसे की सीमा:
अधिकांश बैंक आपको सेविंग्स अकाउंट में पैसा जमा करने में किसी प्रकार की सीमा नहीं रखते। हालांकि, यदि आप एक विशिष्ट राशि से अधिक पैसा जमा करते हैं, तो आपको उस पर टैक्स देना पड़ सकता है।
इनकम टैक्स के नियम और विवरण:
जब आप आईटीआर फाइल करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अपने सेविंग्स अकाउंट में जमा पैसे की जानकारी प्रदान करनी होती है। जो ब्याज आपको आपके जमा पैसों पर मिलता है, वह आपकी सालाना आजीविका में जोड़ दिया जाता है।
ताजा अपडेट:
वित्त वर्ष में अगर आप 10 लाख रुपये या उससे अधिक पैसा अपने सेविंग्स अकाउंट में जमा रखते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इसकी सूचना देनी चाहिए। इसे नकारने पर टैक्स चोरी के आरोप में संलग्न किया जा सकता है।
सम्पूर्णत: सेविंग्स अकाउंट एक सुरक्षित तरीका प्रदान करता है अपनी मेहनत के पैसों को संचय करने का, लेकिन उस पर प्राप्त होने वाले ब्याज और जमा पैसे के टैक्स नियमों का समझना भी महत्वपूर्ण है।