SBI and Federal MCLR increased: आरबीआई की ओर से रेपो रेट में इजाफा करने के बाद कई बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हुए कर्ज महंगा कर दिया है. अब इस सूची में एक और बैंक का नाम जुड़ गया है. दरअसल, एसबीआई (SBI) और फेडरल बैंक (Federal Bank) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है. बैंक ने विभिन्न अवधि वाले कर्ज के लिए मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में 25 बेसिस प्वाइंट्स तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है.
एसबीआई की नई एमसीएलआर दरें 15 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी हो चुकी हैं. वहीं, फेडरल बैंक की नई एमसीएलआर दरें 16 अक्टूबर, 2022 से लागू हो चुकी हैं. एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है. ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.
15 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी एसबीआई की एमसीएलआर
- एक दिन- 7.60%
- एक महीना- 7.60%
- 3 महीने- 7.60%
- 6 महीने- 7.90%
- एक साल- 7.95%
- 2 साल- 8.15%
- 3 साल- 8.25%
16 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी फेडरल बैंक की एमसीएलआर
- एक दिन- 8.45%
- एक महीना- 8.50%
- 3 महीने- 8.55%
- 6 महीने- 8.65%
- एक साल- 8.70%
क्या होता है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर, आरबीआई द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे.
हाल ही में RBI ने बढ़ाया था रेपो रेट
हाल ही में आरबीआई ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट 0.5 फीसदी बढ़ाकर 5.9 फीसदी कर दी. यह इसका 3 साल का उच्च स्तर है. खुदरा महंगाई को काबू में लाने और विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में आक्रामक वृद्धि से उत्पन्न दबाव से निपटने के लिए आरबीआई ने यह कदम उठाया है. इससे पहले, मई में 0.40 फीसदी वृद्धि के बाद जून और अगस्त में 0.50-0.50 फीसदी की वृद्धि की गई थी. कुल मिलाकर मई से अब तक आरबीआई रेपो रेट में 1.90 फीसदी की वृद्धि कर चुका है.