बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक बड़ी खबर आई है। केंद्र सरकार ने गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक एक नए 6-लेन एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है। इस सड़क के बनने से पटना से सिलीगुड़ी सिर्फ 3 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। अभी यह दूरी तय करने में 8-10 घंटे तक लगते हैं।
क्या है इस प्रोजेक्ट की खास बातें?
- लंबाई: इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 568.42 किमी होगी।
- बिहार में हिस्सा: इस एक्सप्रेसवे का 73% हिस्सा यानी 417.15 किमी बिहार में पड़ेगा।
- खर्च: इस पूरे प्रोजेक्ट पर 37,465 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- निर्माण कार्य:
- अगले 6 महीनों में टेंडर निकाला जाएगा।
- इसके बाद 2028 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।
- बड़ी नदियों पर पुल:
- इस एक्सप्रेसवे के रास्ते में गंडक, कोसी और महानंदा जैसी बड़ी नदियां आती हैं, जिन पर पुल बनाए जाएंगे।
किन जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे?
यह एक्सप्रेसवे बिहार और यूपी के कई जिलों से होकर गुजरेगा, जिससे इन इलाकों के लोगों को भी फायदा होगा। बिहार में यह सड़क पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों से होकर गुजरेगी।
बिहार को क्या फायदा होगा?
बिहार से उत्तर बंगाल और नेपाल के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
व्यापार और टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
बड़ी नदियों पर पुल बनने से बाढ़ प्रभावित इलाकों में यातायात आसान होगा।
पटना और सिलीगुड़ी के बीच सफर का समय 3 घंटे तक कम हो जाएगा।
प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी एक नजर में
बिंदु | जानकारी |
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एक्सप्रेसवे का नाम | गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे |
कुल लंबाई | 568.42 किमी |
बिहार में लंबाई | 417.15 किमी (73% हिस्सा) |
कुल लागत | ₹37,465 करोड़ |
टेंडर प्रक्रिया | अगले 6 महीने में |
पूरा होने की तारीख | 2028 |
बड़ी नदियां | गंडक, कोसी, महानंदा |
बिहार के जिले | पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज |
सफर में समय बचत | पटना से सिलीगुड़ी सिर्फ 3 घंटे में |
यह एक्सप्रेसवे बनने के बाद बिहार और उत्तर बंगाल के लोगों के लिए आना-जाना बहुत आसान हो जाएगा और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।