मंगलवार को इज़राइल ने क़तर की राजधानी दोहा में हवाई हमले किए। निशाना उन रिहायशी इमारतों को बनाया गया जहां हमास के नेता रहते थे। इन हमलों में कम से कम छह लोगों की मौत हुई। यह हमला उस समय हुआ जब दोहा में गाज़ा युद्ध रोकने के लिए बातचीत चल रही थी।
ये हमला इसलिए भी बड़ा माना गया क्योंकि क़तर अमेरिका का नज़दीकी सहयोगी है, वहां हज़ारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और क़तर अब तक शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभाता रहा है। खाड़ी देशों ने इसकी निंदा की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सार्वजनिक तौर पर इज़राइल को फटकार लगाई।
किसकी मौत हुई?
हमास ने कहा कि उसके शीर्ष नेता तो सुरक्षित हैं, लेकिन उनके परिवार और सहयोगी मारे गए। मरने वालों में हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हय्या का बेटा और उनका एक सहयोगी शामिल है। इसके अलावा उनके तीन अंगरक्षक और क़तर का एक सुरक्षा अधिकारी भी मारा गया।
क़तर की प्रतिक्रिया
क़तर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुर्रहमान अल-थानी ने कहा कि यह हमला “पूरे क्षेत्र के लिए एक अहम मोड़” है। क़तर ने साफ चेतावनी दी कि वह इज़राइल की “लापरवाह हरकतें” बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इज़राइल ने ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया जिन्हें क़तर की हवाई सुरक्षा प्रणाली पकड़ नहीं सकी।
क़तर ने बताया कि उसे पहले से कोई चेतावनी नहीं दी गई थी सिर्फ़ अमेरिका का फ़ोन बमबारी शुरू होने के 10 मिनट बाद आया। बाद में क़तर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि यह हमला उसकी संप्रभुता का खुला उल्लंघन है। अमीर ऑफ क़तर ने ट्रंप से बात कर कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता बचाने के लिए हर ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे।
अमेरिका (ट्रंप) की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस ने कहा कि इज़राइल ने अमेरिका को पहले ही जानकारी दी थी। लेकिन ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से नाराज़गी जताई और कहा कि क़तर जैसे अमेरिकी सहयोगी देश में बमबारी करना “न तो इज़राइल और न ही अमेरिका के हित में है”। बाद में उन्होंने क़तर को भरोसा दिलाया कि ऐसा हमला उनकी ज़मीन पर दोबारा नहीं होगा।
हमास की प्रतिक्रिया
हमास ने इस हमले को “गंभीर अपराध” और क़तर की संप्रभुता का उल्लंघन बताया। उसने इज़राइल पर गाज़ा में चल रही युद्धविराम वार्ता को बर्बाद करने का आरोप लगाया और अमेरिका को भी ज़िम्मेदार ठहराया। हमास ने सोशल मीडिया पर मारे गए लोगों के नाम जारी किए और उन्हें “शहीद” बताया।
क्षेत्रीय प्रतिक्रिया
यूएई, सऊदी अरब, ओमान और कुवैत जैसे खाड़ी देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इसे “अपराध” कहा। यूएई अधिकारियों ने इसे “धोखेबाज़ हमला” बताया और कहा कि खाड़ी देशों की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़ी हुई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले से गाज़ा युद्धविराम और कैदी रिहाई की वार्ता लगभग खत्म हो गई है। एक विश्लेषक ने कहा, “इज़राइल ने बातचीत और बंधकों की वापसी की संभावना दोनों खत्म कर दी हैं।”
आगे क्या होगा?
क़तर ने कहा है कि वह मध्यस्थता की भूमिका जारी रखेगा, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि अब शांति वार्ता की संभावना बहुत कम हो गई है। साथ ही, इज़राइल ने ऐसे हथियार इस्तेमाल किए जो क़तर की हवाई सुरक्षा को धोखा दे गए, जिससे अब खाड़ी देशों की सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं और क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है।




