केंद्र सरकार जल्द ही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है। वित्त मंत्रालय 30 जून तक वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करेगा और संभावना है कि इसमें दरें बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। पिछले तिमाही में सरकार ने ब्याज दरों को स्थिर रखा था, लेकिन इस बार छोटे निवेशकों को राहत मिल सकती है।

 

मौजूदा छोटी बचत योजनाएँ

वर्तमान में, सरकार डाकघर बचत, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, राष्ट्रीय बचत पत्र समेत कुल 12 प्रकार की छोटी बचत योजनाएँ चला रही है। ये योजनाएँ निवेशकों को लंबी अवधि में अधिक मुनाफा देने के लिए बनाई गई हैं। हर तीन महीने में सरकार इन योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है और आवश्यकतानुसार संशोधन करती है।

पीपीएफ की दरों में बदलाव

पीपीएफ (सार्वजनिक भविष्य निधि) की ब्याज दरों में अंतिम बार अप्रैल-जून 2020 में बदलाव किया गया था, जब इसे 7.9% से घटाकर 7.1% कर दिया गया था। तब से अब तक पीपीएफ की दरें स्थिर बनी हुई हैं, जबकि अन्य योजनाओं की दरों में कई संशोधन हुए हैं। उम्मीद है कि इस बार पीपीएफ की ब्याज दरों में भी वृद्धि की जा सकती है।

 

इस साल जनवरी में हुई दरों में बढ़ोतरी

वित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही में सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना और तीन साल के टाइम डिपॉजिट की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर को 8% से बढ़ाकर 8.20% और तीन साल के टाइम डिपॉजिट की ब्याज दर को 7% से बढ़ाकर 7.1% किया गया था।

 

मौजूदा ब्याज दरें

योजना ब्याज दर (%)
बचत खाता 4.0
एक साल की एफडी 6.9
दो साल की एफडी 7.0
तीन साल की एफडी 7.1
पांच साल की एफडी 7.5
आरडी 6.5
वरिष्ठ नागरिक जमा 8.2
एमआईएस 7.4
एनएससी 7.7
पीपीएफ 7.1
किसान विकास पत्र 7.5
सुकन्या समृद्धि 8.2

छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी से छोटे निवेशकों को राहत मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय की समीक्षा के बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।