शायद भारत एकलौता ऐसा देश है जो सऊदी अरब में लगे लोगों की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और उसके कामगारों को अपने परिवारों के लिए सबसे ज्यादा दुख और तकलीफ उठानी पड़ी हैं उनकी नौकरियां चली गई हैं उनको बिजनेस कॉन्ट्रैक्ट से हटा दिया गया है और जिनके पास नौकरियां है वह सऊदी अरब भारत से नहीं पहुंच पाए हैं.
भारत में लाखों की संख्या में कोरोनावायरस के वैक्सीन को सऊदी अरब में एक्सपोर्ट किया है लेकिन भारत भले ही इसे काफी बड़ी उपलब्धि मान रहा हो लेकिन भारत के प्रवासी कामगार जो सऊदी अरब में काम करते थे वह लोग इसे एक डिप्लोमेटिक स्टंट मान रहे हैं और इसकी काफी भर्त्सना कर रहे हैं.
सऊदी अरब में भारत का प्रवासी समूह सबसे बड़ा है और भारत भले वैक्सीन मैत्री दिखा रहा हो लेकिन ग्राउंड जीरो पर हालात भारतीय कामगारों के सऊदी अरब को लेकर काफी बुरे हैं उन्हें 5 महीने से लगभग नौकरियों से बाहर ही नहीं रहना पड़ा है बल्कि उन्हें सऊदी अरब आने की इजाजत तक नहीं मिली है हाल ही के लगाए गए नए लॉकडाउन के वजह से तो भारतीय कामगार ना घर के रहे हैं ना घाट के रहे हैं वाली सिटी में फंस गए हैं.
हजारों की संख्या में भारतीय कामगार जो सऊदी अरब आने के लिए दुबई के रास्ते को चुनते थे वह अब दुबई में फंसे हुए हैं और अब वह सऊदी अरब आ सकते हैं और ना ही दुबई में ज्यादा दिन बिता सकते हैं क्योंकि अगर दुबई में ज्यादा दिन बिताते हैं तो उन्हें वीजा नियमों के उल्लंघन के कारण जुर्माना भरना पड़ सकता है और दुबई में रहने के लायक उनके पास पैसे भी नहीं है क्योंकि वह ज्यादातर मजदूर वर्ग से आते हैं.
अधिकांश भारतीय इस बात से काफी खफा है कि सऊदी अरब ने उनके देश को प्रतिबंधित कर रखा है फिर भी भारत केवल एक मैत्री स्टंट दिखाने के लिए सऊदी अरब को लाखों वैक्सीन भेज रहा है जबकि असल मुद्दे की बात नहीं कर रहा है. भारत में कोरोनावायरस के आंकड़े काफी कम होते चले गए हैं और इसके बावजूद सऊदी अरब भारत को प्रतिबंधित सूची में डाल रखा है जबकि भारत से ज्यादा आंकड़े रखने वाले कई ऐसे देश में लगे हुए प्रतिबंध से पहले सऊदी अरब आने के लिस्ट में शामिल थे.
भारतीय दूतावास को काफी आड़े हाथ लेते हुए ट्विटर पर भारतीय समूह ने काफी भर्त्सना की है जिसमें कहा है कि या बेवजह की बातें भारतीय दूतावास बंद करें तो ज्यादा बेहतर है.